Indian Railways: दूसरों की वकालत से पहले खुद के लिए लड़ी अनन्या, कहा- मैंने ट्रेन का टिकट लिया था बस से क्यों आती
अनन्या बीएचयू से एलएलबी कर रही हैं। यह उनका फाइनल ईयर है। सेक्टर दो स्थित केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा पास की।
रांची (जासं) । लोकतंत्र हमेशा अडिग के प्रतिपक्ष के दम पर ही बचता है। यह बात अनन्या ने साबित कर दी। लॉकडाउन के 5 महीनों के बीच गुरुवार की रात पहली बार रेलवे स्टेशन गुलजार था। आरपीएफ के 25 जवान स्टेशन पर राजधानी का इंतजार कर रहे थे। रेलवे अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग मशीन और सैनिटाइजर लेकर पीपीई किच पहने हुए प्लेटफार्म पर मुस्तैद थे। एचईसी के असिस्टेंट मैनेजर मुकेश प्रसाद चौधरी अपनी छोटे बेटे अमन के साथ बेटी को लेने आए थे। सबको राजधानी का इंतजार था। तभी रात 1:45 बजे राजधानी ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची। अनन्या बी 3 कोच की 51 नंबर सीट पर सो रही थीं।
ट्रेन लगने के बाद प्लेटफार्म पर मौजूद आरपीएफ जवान उनकी सीट के पास पहुंचे और खिड़की के शीशे पर उंगली से दस्तक दी। दस्तक की आवाज पर अनन्या उठी तो बताया गया कि रांची आ गया है। अनन्या ने उठने के बाद अपने साथ आरपीएफ के जवान बाबूलाल कुंवर को जाकर बताया कि रांची आ गया। इसके बाद बाबूलाल कुवंर ने गेट खोला और गेट खुलने के बाद अनन्या के पिता और उनके भाई अंदर गए और सामान उतारकर अनन्या को साथ ले गए। प्लेटफार्म पर अनन्या की थर्मल स्क्रीनिंग की गई और उन्हें सैनिटाइजर दिया गया। आरपीएफ के अधिकारियों ने भी अनन्या से पूछताछ की और इसके बाद अनन्या अपने भाई और पिता के साथ रात तकरीबन 2:00 बजे ध्रुवा के लिए रवाना हो गईं।
बीएचयू से एलएलबी कर रही है अनन्या
अनन्या बीएचयू से एलएलबी कर रही हैं। यह उनका फाइनल ईयर है। सेक्टर दो स्थित केंद्रीय विद्यालय से उन्होंने हाई स्कूल की परीक्षा पास की। इसके बाद डोरंडा के केंद्रीय विद्यालय से इंटर किया। मारवाड़ी कॉलेज से स्नातक करने के बाद उन्होंने ला करने के लिए बीएचयू में दाखिला लिया। बीएचयू से एलएलबी करने के बाद उनका इरादा वकालत करने का है।
एचईसी में असिस्टेंट मैनेजर हैं अनन्या के पिता
अनन्या के पिता मुकेश प्रसाद चौधरी एचईसी में असिस्टेंट मैनेजर हैं।अनन्या का छोटा भाई अमन भूषण बीबीए की पढ़ाई पूरी करने के बाद आईएएस की तैयारी कर रहा है।
मैंने टिकट लिया था क्यों बस से आती
अनन्या ने बताया कि जब डाल्टनगंज में ट्रेन को रोका गया तो इसके बाद उसने ट्रेन में स्टेशन पर मौजूद अधिकारियों से ट्रेन रुकने के बारे में जानकारी ली। स्टेशन के अधिकारियों ने बताया कि टोरी में टाना भगत पटरी पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए ट्रेन यहां रोकी गई है। आधे घंटे के अंदर ट्रेन रवाना हो जाएगी। जब आधा घंटा गुजर गया। ट्रेन नहीं चली। तो अनन्या ने रेलवे बोर्ड और रेल मंत्रालय को ट्वीट किया। लेकिन उसका कोई जवाब नहीं आया। इसके बाद अनन्या ने रेलवे बोर्ड के अधिकारियों को फोन भी किया लेकिन कुछ नहीं हुआ। अनन्या ने बताया कि बाद में जब रेलवे के अधिकारी और प्रशासन के अधिकारी स्टेशन पहुंचे और यात्रियों को बुलाकर बस में बैठाने लगे तो उसने इसका विरोध कर दिया।
अनन्या ने कहा कि उसने टिकट लिया है तो वह रांची तक इसी ट्रेन से जाएगी। रेलवे के अधिकारियों ने काफी मिन्नत की। अनन्या से कहा कि वह उनको स्पेशल कार से रांची भिजवा देंगे। अनन्या ने बताया कि वह अपनी इसी जिद पर अड़ी रही की ट्रेन से जाना है। अनन्या का कहना है कि यह सिद्धांत का मामला था। रेलवे ट्रेन क्यों चलाता है। किसी को यूं ही कहीं पर बीच में उतार दिया जाएगा। वह भी महिला को। महिला की क्या सुरक्षा है। रेलवे का क्या उसका सिद्धांत है। अनन्या ने कहा कि राजधानी का टिकट हर कोई नहीं ले सकता। किस तरह लोग पैसे जोड़कर टिकट लेते हैं। क्या रेलवे की कोई जिम्मेदारी नहीं है।
हमारा हक है कैसे छोड़ देते ट्रेन
अनन्या ने बताया कि जब लोग ट्रेन छोड़कर बस जा से जा रहे थे तो उसने सब को मना किया। बस से मत जाओ। यह हमारा हक है। अनन्या ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों की गलती है। जब टाना भगत पहले से ही पटरी पर बैठे हुए थे। तो ट्रेन को पहले ही डाइवर्ट कर देना चाहिए था। लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने ऐसा नहीं किया। लापरवाही बरती। जिसका नतीजा मुसाफिरों को भुगतना पड़ा।
अनन्या ने कहा कि रेलवे ने उन्हें रांची रेलवे स्टेशन तक काफी लेट पहुंचाया है। इसके लिए वह आगे सोचेंगे कि क्या करना है। इसकी शिकायत वो रेलवे बोर्ड से करेंगी और अपना हक मांगेंगी।
गंदा था राजधानी का बाथरूम
अनन्या ने कहा कि रेलवे राजधानी के लिए इतने कीमती टिकट लेता है। देख लीजिए राजधानी का बाथरूम कैसा है। उन्होंने कहा कि टॉयलेट बहुत गंदा था और शिकायत करने के बाद भी इसे साफ नहीं किया गया।
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