झारखंड में प्रजनन दर में बड़ी गिरावट, SRS Report से खुला राज
देश के 22 बड़े राज्यों में दिल्ली और गुजरात के बाद 10 वर्षों में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में सबसे अधिक कमी झारखंड में आई है। दिल्ली में वर्ष 2011-13 और 2021-23 के बीच औसत कुल प्रजनन दर में सबसे अधिक (27.8 प्रतिशत) हुई जिसके बाद गुजरात (24 प्रतिशत) और झारखंड (21.4 प्रतिशत) की दर में कमी आई।

नीरज अम्बष्ठ, रांची । देश के 22 बड़े राज्यों में दिल्ली और गुजरात के बाद 10 वर्षों में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में सबसे अधिक कमी झारखंड में आई है।
दिल्ली में वर्ष 2011-13 और 2021-23 के बीच औसत कुल प्रजनन दर में सबसे अधिक (27.8 प्रतिशत) हुई, जिसके बाद गुजरात (24 प्रतिशत) और झारखंड (21.4 प्रतिशत) की दर में कमी आई।
रजिस्ट्रार जनरल आफ इंडिया द्वारा तीन सितंबर को जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस)-2023 की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।
रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2011-13 के दौरान झारखंड में यह औसत दर 2.8 थी जो वर्ष 2021-23 में 2.2 हो गई।
एसआरएस-2023 की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में पहली बार यह दर घटकर वर्ष 2023 में 2.1 हुई है। यह दर एक प्रतिस्थापन स्तर मानी जाती है, जहां एक पीढ़ी अगली पीढ़ी को प्रतिस्थापित करने के लिए पर्याप्त बच्चे को जन्म देती है।
भारत में इस दर को 2.1 प्रतिस्थापन स्तर पर स्थिर रखने का लक्ष्य है ताकि जनसंख्या स्थिर रहे। ताजा रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में कुल प्रजनन दर 2.1 हो गई है जो वर्ष 2022 में 2.2 थी।
पूरे देश की बात करें तो भारत में कुल औसत टीएफआर 10 वर्षों के दौरान 2.4 से घटकर 2021-23 में 2.0 हो गई है, जो 16.7 प्रतिशत की कमी है। इस अवधि में सबसे कम प्रतिशत कमी हरियाणा में 9.1 प्रतिशत रही। उसके बाद पंजाब
(11.8 प्रतिशत) और हिमाचल प्रदेश (11.8 प्रतिशत) का स्थान रहा बताते चलें कि कुल प्रजनन दर यह बताती है कि कोई महिला औसत कितने बच्चे को जन्म देती है या दे सकती है। जनसंख्या स्थिरीकरण के लक्ष्य में यह मापदंड महत्वपूर्ण माना जाता है।
झारखंड में लंबे समय बाद बढ़ गई शिशु मृत्यु दर
एसआरएस-2023 की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड में वर्ष 2022 की तुलना में वर्ष 2023 में शिशु मृत्यु दर बढ़ गई।
वर्ष 2022 में एक हजार बच्चों के जन्म पर सिर्फ 25 बच्चों की मौत एक वर्ष के भीतर होती थी। वर्ष 2023 में एक हजार बच्चों के जन्म पर 29 बच्चों की मौत एक वर्ष के भीतर हो गई।
यह वृद्धि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में दर्ज की गई है। लेकिन अच्छा संकेत यह है कि इस बार बालकों की अपेक्षा बालिकाओं की मृत्यु दर कम है। बालिकाओं में यह दर 28 जबकि बालकों में 29 है।
झारखंड में कुल प्रजनन दर (टीएफआर)
- वर्ष कुल ग्रामीण शहरी
- 2022 2.2 2.4 1.8
- 2023 2.1 2.3 1.7
झारखंड में कुल प्रजनन दर में ऐसे आई कमी
- वर्ष कुल ग्रामीण शहरी
- 2011 -23 2.8 3.0 2.0
- 2021-23 2.2 2.4 1.7
कब कितनी शिशु मृत्यु दर
- वर्ष कुल ग्रामीण शहरी
- 2022 25 27 19
- 2023 29 31 21
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