Jharkhand News: थाने से कुछ दूरी पर पशु तस्करों का दबदबा, सरगना तक नहीं पहुंच पाती है पुलिस
रांची के लोअर बाजार क्षेत्र स्थित आजाद बस्ती में प्रतिबंधित मांस का कारोबार खुलेआम चल रहा है। गोवंश पर प्रतिबंध के बावजूद यहां अवैध रूप से जानवरों को काटा और बेचा जा रहा है। पूर्व में छापेमारी के बावजूद स्थिति जस की तस है और निगम द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। स्थानीय लोगों और संगठनों ने इस मुद्दे पर चिंता जताई है।

जागरण संवाददाता, रांची। लोअर बाजार थाना से आगे बढ़ने के बाद जब कर्बला चौक जाती सड़क को काटते हुए सीध में आजाद बस्ती की ओर बढ़ते हैं तो यहां का दृश्य देखकर ठहर जाएंगे। यहां खुलेआम बिकते-कटते बड़े जानवरों को देख सकते हैं। प्रतिबंधित जानवर भी यहां देख सकते हैं। करीब सौ से ऊपर दुकानें होंगी। ये जानवर कहां से आते हैं, पता नहीं।
झारखंड में 2005 से ही गोवंश पर प्रतिबंध है। तब डोरंडा व कांटाटोली की वधशाला बंद हो गई। गुदड़ी बाजार आजाद बस्ती में निगम की जमीन पर चोरी-छिपे यह धंधा चल रहा है। अप्रैल 2018 में मेनका गांधी की टीम जीव जंतु कल्याण विभाग दिल्ली ने छापेमारी की और मांस, गाय जब्त किए।
कुछ दिन सील रहा फिर 2019 कोविड जैसे महामारी में बिरसा जैविक उद्यान के नाम पर जमकर प्रतिबंधित मांस तस्करी शुरू हो गई। 2016 में मिशन चौक व अगस्त 2024 में प्लाजा चौक कर प्रतिबंधित मांस पाए जाने के बाद लोग सड़क पर उतर आए थे।
रांची विधायक सीपी सिंह ने प्रशासन और मीडिया के सामने कहा कि ये प्रतिबंधित मांस आजाद बस्ती गुदड़ी से निगम की कब्जाई जमीन से आया है। इसे बुलडोजर से ध्वस्त किया जाए, लेकिन नहीं हुआ।
इस मामले में गो तस्करों ने पुलिस से बचने के लिए लड़की को भी अपने साथ रखा, जिसकी गिरफ्तारी सदर थाना से नवंबर 2024 में हुई। इसमें बाकी सभी आज तक फरार हैं। हालांकि गाय चोर को पकड़ कर पुलिस भेजती है, लेकिन जो मुख्य तस्कर हैं, उसपर भी एफआईआर है लेकिन गिरफ्तारी नहीं होती है।
तीन साल से न्याय का इंतजार
20 जुलाई 2022 को तुपुदाना में संध्या टोपनो को पशु लदे वाहन ने रौंदकर निर्मम हत्या कर दी थी। तीन साल पुराने दारोगा संध्या टोपनो हत्याकांड में धुर्वा पुलिस ने एक और आरोपी बल्लू उर्फ नबीब के खिलाफ जांच पूरी कर सीजेएम कोर्ट में इसी साल मई में पांचवीं चार्जशीट दाखिल की।
इस पर कोर्ट ने संज्ञान लिया है। यानी, तीन साल हो गए और पुलिस अभी तक अपने ही महकमे की दारोगा के स्वजनों को न्याय नहीं दिला पाई है।
केस नंबर एक
11 नवंबर 2024 को सदर थाना क्षेत्र के से जेएच 01 डीसी 1883 स्कॉर्पियो में प्रतिबंधित गोवंशीय पशु के साथ युवती गिरफ्तार हुई। इसमें जितने युवाओं का नाम था, सब फरार हो गए। पुलिस सिर्फ युवती को जेल भेज कर बाकी को पकड़ना मुनासिब नहीं समझी।
केस नंबर दो
नामकुम थाना क्षेत्र के मौलाना आजाद कालोनी मुख्य गेट के पास एक मई 2025 को जेएनयू 01 एक 7520 चोरी करके गोवंशीय पशु को ठूंस भाग रहे मिस्टर और हामिद को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ मारपीट भी हुई थी।
केस नंबर तीन
29 मई 2025 को सदर थाना का गढा टोली गौसनगर अरमान को चोरी के गाय के साथ रामगढ़ जिले के मांडू के रहने वाले की शिकायत दर्ज कराने के बाद गिरफ्तार किया गया था। गाय भी पुलिस ने घर से बरामद किया।
केस नंबर चार
30 मई 2025 नामकुम थाना ने जेएच 01 एफ एक्स 2123 में दस गोवंशीय पशुओं को बुरी तरह से ठूंस कर लाने वाले चालक गिरफ्तार लेकिन पशु किसका था, पुलिस ने पता लगाने की कोशिश नहीं की।
केस नंबर पांच
लोअर बाजार थाना में तौफिक कुरैशी आदि पर 190/24 केस दर्ज किया गया, जिस पर डीजीपी सीआईडी जांच करवा रही है।
निगम ने आज तक नहीं की कार्रवाई
पिछले 20 मार्च को श्री महावीर मंडल पूर्वी क्षेत्र के अध्यक्ष रमेश सिंह ने रांची नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक संदीप सिंह को पत्र लिखकर आजाद बस्ती के गुदड़ी में प्रतिबंधित मांस की बिक्री पर रोक लगाने की मांग कर चुके हैं लेकिन रांची नगर निगम ने आज तक कोई कार्रवाई नहीं की।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत विशेष सह संपर्क प्रमुख प्रिंस अजमानी भी राज्यपाल को ज्ञापन सौंपकर इस पर प्रतिबंध की मांग उठा चुके हैं।
झारखंड में गोवंश की तस्करी प्रतिबंधित है। कोई भी व्यापार कर रहा है तो कानून के दायरे में ही करे। प्रशासन खुद रोकथाम में सक्षम है। लेकिन इसको लेकर किसी प्रकार की अराजकता को तरजीह न दी जाए। -राजीव रंजन, अध्यक्ष गोसेवा आयोग, झारखंड
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