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Ranchi: अनगड़ा प्रखंड में जमकर चल रहा धर्मांतरण का खेल, कई परिवारों ने अपनाया ईसाई धर्म

राज्‍य में अवैध धर्मांतरण का खेल लगातार जारी है। यहां आदिवासी परिवारों को पैसों और बीमारी ठीक करने के नाम पर ईसाई धर्म में मतांतरण कराया जा रहा है। ऐसे में राज्या में अवैध धर्मांतरण को लेकर बने कानून का भी ईसाई मिशनरी उल्‍लंघन कर रहे हैं।

By Jagran NewsEdited By: Mohd FaisalPublished: Sat, 03 Dec 2022 03:26 PM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2022 03:26 PM (IST)
Ranchi: अनगड़ा प्रखंड में जमकर चल रहा धर्मांतरण का खेल, कई परिवारों ने अपनाया ईसाई धर्म
रांची के गोपाल लोहरा घर वापसी कर चुके हैं। ईसाई मिशनरियों के प्रलोभन में आकर चर्च जाने लगे थे।

रांची, संजय कुमार। रांची के अनगड़ा प्रखंड में ईसाई मिशनरियों द्वारा अवैध मतांतरण का खेल लगातार जारी है। यहां बीमारी ठीक करने, बच्चों की पढ़ाई, पैसों का लालच और रोजगार देने के नाम पर आदिवासियों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है। रहवासियों का कहना है कि यहां सिर्फ जनजाति परिवार के लोग ही नहीं बल्कि गैर जनजाति परिवार के लोग भी धर्मांतरण की जद में हैं।

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दरअसल अनगड़ा प्रखंड के बैजनाथटाटा गांव में छह से सात परिवार के लोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया है। जब दैनिक जागरण की टीम ने वहां जाकर मामले की पड़ताल की तो पता चला कि अनगड़ा प्रखंड में कई ऐसे गांव हैं जहां के दर्जनों परिवार अब तक मतांतरित हो चुके हैं। इनमें मसरीजरा, बाहया, जराटोली, महुआटोली, चंदराटोली, बीसा, टाटीसिंगारी आदि गांव शामिल हैं।

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बैजनाथटाटा में यूं शुरू हुआ अवैध धर्मांतरण

बैजनाथटाटा गांव में तीन वर्ष पहले तक कोई ईसाई नहीं था। इसी बीच गांव के महावीर महतो ने एक क्रिश्चन लड़की से शादी कर उसे घर ले आया। उसके बाद लड़की का मौसेरा भाई प्रदीप मिंज निवासी दार्जिलिंग गांव में आने लगा। और करमाली परिवार की एक लड़की से शादी कर उसे ईसाई बना यहीं बस गया। इसके बाद प्रदीप मिंज ने गांव में अपने मित्र पास्टर को बुलाकर अवैध धर्मांतरण का खेल शुरू कर दिया। ग्रामीणों के विरोध के बाद भी प्रदीप गांव से नहीं गया है।

वन विभाग की जमीन पर बनाया चर्च

बैजनाथटाटा गांव के मुकेश महतो ने कहा कि पिछले दिनों ग्रामीणों के विरोध से पहले यहां पास्टर सुकुमार उरांव रात में चार पांच लोगों को ले रात 12 बजे तक ईशु का भजन गाते थे। उन लोगों के घरों से हनुमानजी की मूर्ति को हटवा दिया गया है। गांव में ही वन विभाग की जमीन पर अवैध घर बनाकर उसे चर्च की तरह उपयोग किया जा रहा है

धर्मांतरण करने पर परिवार को मिलते हैं 25 से 35 हजार

गांव के कुछ लोगों का कहना है जो परिवार मतांतरित होता है उसे भी 25000 से लेकर 35000 रुपये तक पास्टर देता है। इस लोभ में आकर कई परिवार मतांतरित हो रहे हैं। बाद में हकीकत का पता चलने पर घर वापसी भी करते हैं।


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