JEE Main 2020: नेशनल टॉपर अनध प्रसाद का सक्सेस मंत्र, परिश्रमी से ज्यादा स्मार्ट प्लानर बनिए
रांची के अनध ने जेईई मेन की तैयारी करनेवालों के लिए लिखी किताब - ए प्लान दैट एक्चुअली वर्क्स। कहा आइआइटीयन असामान्य परिश्रमी नहीं स्मार्ट प्लानर्स होते हैं।
रांची, [प्रणय कुमार सिंह]। दुनियाभर की कठिनतम परीक्षाओं में एक है आइआइटी की प्रवेश परीक्षा। इसे क्रैक करने के लिए न सिर्फ खूब मेहनत की बल्कि नियोजित तरीके से तैयारी की जरूरत होती है। 12वीं साइंस से पढ़ाई कर रहे सभी छात्र-छात्राओं का सपना होता है कि आइआइटी में प्रवेश मिल जाए। वर्ष 2013 के जेईई मेन के नेशनल टॉपर रहे अनध प्रसाद ने उनके सपने को हकीकत में बदलने की कोशिश की है। अनध ने दो वर्षों की कड़ी मेहनत कर एक पुस्तक-ए प्लान दैट एक्चुअली वक्र्स लिखा है। इस पुस्तक में अनध ने न सिर्फ जेईई मेन में स्मार्ट सफलता के लिए तैयारी के तरीके बताए हैं, बल्कि जेईई के बाद भी जीवन में स्थायी बदलाव कैसे आए जिससे आपको सुकून मिले, इन सभी पहलुओं को समेटा है।
जुलाई में आएगी पुस्तक
युवाकाल में बड़े एचीवमेंट के लिए कैसे प्लान करें, जेईई की तैयारी के समय सोचने का तरीका कैसा हो, तैयारी के दौरान हर दिन का स्ट्रेटजी कैसा हो, इन सभी तरीके को बेहतर ढंग से बताया है। यह पुस्तक जुलाई माह में बाजार में आएगी।
मिलेंगे पैसे, खर्च करेंगे जरूरतमंद छात्रों पर
अनध कहते हैं कि पुस्तक लिखकर पैसा कमाना उद्देश्य नहीं है। पुस्तक की बिक्री से जो पैसे आएंगे उसे जरूरतमंद छात्रों पर खर्च करेंगे।
पिता सीसीएल में हैैं डॉक्टर
रांची के डोरंडा में रहने वाले अनध के पिता डॉ. अमरेश प्रसाद सीसीएल में डॉक्टर हैंं। वहीं मां दीक्षा कुमारी प्रसाद आइएफएस हैं। छोटा भाई अमल प्रसाद 2017 में जेईई क्रैक कर आइआइटी दिल्ली से पढ़ाई कर रहा है।
जेवीएम श्यामली से की है पढ़ाई
आइआइटी दिल्ली से कंप्यूटर साइंस में बीटेक करने के बाद अनध अभी बेंगलुरु के वेंचर कैपिटल फर्म में इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट हैं। ये कंप्यूटर साइंस में गोल्ड मेडलिस्ट भी हैं। इन्होंने 10वीं डीएवी कपिलदेव व 12वीं जेवीएम श्यामली से पूरी की है।
छात्रों की परेशानी देखी तो शब्दों में शेयर किया अनुभव
2018 में बीटेक करने के बाद कंपनी में काम करने के दौरान ही अनध ने पुस्तक लिखना शुरू कर दिया जो मार्च 2020 में पूरा हुआ। अनध कहते हैं कि पुस्तक लिखने का यही सबसे बेहतर समय था। क्योंकि समय बीतता तो वे खुद की जेईई की तैयारी के अनुभव को बेहतर तरीके से नहीं रख पाते। कहा, बीटेक के दौरान जब रांची जाता था तो जेईई की तैयारी करने वाले छात्रों से बात करने पर लगता था कि सभी सोचते हैं कि 16-18 घंटे की पढ़ाई करेंगे तभी सफल होंगे या वे बचपन से तेज नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि जिसे सफलता मिल रही है वे प्लान को ब्रेकडाउन करना जानते हैं। चीजों में स्पष्टता होती है। डरते नहीं, जूझना जानते हैं।
स्मार्ट प्लानिंग से मिलती है सफलता
अधिकतर आइआइटीयन न तो बॉर्न जीनियस होते हैं और न ही असामान्य परिश्रमी, बल्कि वे स्मार्ट प्लानर्स होते हैं। किताब में उन्होंने जीवन की वास्तविक परिस्थितयों को उदाहरण के तौर पर प्रस्तुत किया है।
वेबसाइट से भी ले सकते हैैं जानकारी
पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.दजेईईप्रोजेक्ट.कॉम पर प्राप्त की जा सकती है।
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