आधार नंबर सार्वजनिक किया तो तीन साल की हो सकती है जेल
किसी भी हाल में सार्वजनिक न हो बच्चों का आधार, परियोजना निदेशक ने सभी डीएसई को दिया सख्त आदेश।

रांची [ राज्य ब्यूरो]। झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक मुकेश कुमार ने स्कूली बच्चों के आधार नंबर, उनके बैंक खाते व अन्य विवरणी किसी भी हाल में सार्वजनिक नहीं करने का आदेश सभी जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया है। उन्होंने सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को इस बाबत पत्र लिखा है।
उन्होंने आधार अधिनियम, 2016 के उन प्रावधानों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है, जिसमें आधार नंबर या अन्य जानकारी प्रकाशित करने की अनुमति नहीं है। बताया गया है कि निर्धारित प्रावधानों के तहत यह जानकारी प्रकाशित करना एक अपराध है। इसमें तीन साल तक की सजा हो सकती है।
12 सितंबर 2016 से ही ये सारे प्रावधान लागू हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि किसी बच्चे का आधार नंबर या अन्य विवरणी सार्वजनिक है तो उसे तुरंत हटाया जाना चाहिए। उन्होंने किसी भी ऐसे डाटा के लिए संबंधित विभागीय वेबसाइटों की जांच के लिए नोडल पदाधिकारी नियुक्त करने या संबंधित प्राधिकरणों को निर्देश देने को कहा है।
हाल ही में महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग में आंगनबाड़ी बच्चों के आधार नंबर लीक होने का मामला सामने आया था। हालांकि विभाग के पदाधिकारी इससे इन्कार करते रहे।
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