Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    IAS विनय कुमार चौबे पर फिर लगे गंभीर आरोप, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी का मामला दर्ज

    By Prince Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Thu, 27 Nov 2025 08:21 PM (IST)

    IAS विनय कुमार चौबे पर आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं, जिसके चलते मामला दर्ज किया गया है। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। एक उच्च पदस्थ अधिकारी पर ऐसे आरोप लगने से प्रशासन में हड़कंप मच गया है। जांच के बाद ही आरोपों की सच्चाई और आगे की कार्रवाई का पता चलेगा।

    Hero Image

    आइएएस विनय कुमार चौबे समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोपों के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है।

    जागरण संवाददाता,रांची। आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे समेत सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश के गंभीर आरोपों के आधार पर जगरनाथपुर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इस मामले में विनय कुमार चौबे, विनय सिंह, स्निग्धा सिंह, बैंक मैनेजर अरविंद वर्मा, विशाल सिंह,राजेश कुमार सिन्हा और राजीव कुमार झा को आरोपित बनाया गया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शिकायत दीपक कुमार नामक व्यक्ति ने दर्ज कराई है, जिन्होंने लिखित आवेदन देकर लगभग दो दशक पुराने विवाद और वित्तीय अनियमितताओं का पूरा सिलसिला पुलिस के सामने रखा है। दीपक कुमार ने अपने आवेदन में कहा है कि वर्ष 2000 में उनकी मुलाकात विनय कुमार सिंह से हुई थी और बाद में दोनों के बीच घनिष्ठ संबंध बन गए।

    इसके बाद दिसंबर 2002 में उन्होंने नेक्सजेन सल्यूशन टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटे नामक कंपनी की स्थापना की, जिसमें वे और विनय कुमार सिंह डायरेक्टर थे। कंपनी का कारोबार तेजी से बढ़ा, जिसके बाद विनय कुमार सिंह ने उनका परिचय आइएएस विनय कुमार चौबे से कराया।

    दीपक के अनुसार, चौबे ने उनके व्यापार और आय को देखकर लोभवश कथित तौर पर साजिश रची और कंपनी पर कब्जा करने की योजना बनाई।

    आइएएस विनय चौबे पर भाई को भी लाभ पहुंचाने का आरोप

    शिकायत में यह भी उल्लेख है कि चौबे ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए अपने भाई (अब मृत) मनोज कुमार चौबे को दीपक की दूसरी कंपनी फांट सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड में पदस्थापित कराया। वर्ष 2006 में कंपनी को पलामू और अन्य जिलों में अस्पतालों को मशीन व उपकरण आपूर्ति का भारी-भरकम कार्यादेश प्राप्त हुआ।

    इसी दौरान आरोपितों को इस व्यवसाय से होने वाली संभावित आमदनी की जानकारी लग गई और दीपक के अनुसार, उन्होंने संगठन से उन्हें बाहर करने की रणनीति शुरू कर दी। दीपक का आरोप है कि विनय कुमार सिंह ने पहले उनके शेयरों का एक हिस्सा बिना अनुमति के हस्तांतरित किया और बैंक में हस्ताक्षर पैटर्न बदलवाने की कोशिश की।

    उन्होंने बताया कि बैंक से पत्राचार कर यह प्रयास विफल किया गया। इसके बाद वर्ष 2006 में उनके जाली हस्ताक्षर बनाकर विनय कुमार सिंह की पत्नी स्निग्धा सिंह को कंपनी का डायरेक्टर बनाया गया और बैंक खाते से अवैध निकासी शुरू की गई।

    दीपक ने यह भी आरोप लगाया है कि 6 नवंबर 2006 को उनके नाम से फर्जी पत्र बैंक और कंपनी के साझेदारों को भेजे गए, जिससे करोड़ों की क्षति हुई। इसके बाद आरोपितों ने कथित तौर पर उन्हें धमकाकर एमओयू पर हस्ताक्षर करवाए, जिसमें 15 लाख रुपये देने की बात कही गई लेकिन भुगतान कभी नहीं हुआ।

    कंपनी से बेदखल करने का आरोप

    दीपक का आरोप है कि इसी दौरान 44 लाख रुपये के तीन लेन-देन दिखाकर उन्हें मजबूरन कंपनी खाते में पैसा वापस करवाया गया और उनके शेयरों पर कब्जा कर उन्हें कंपनी से बेदखल कर दिया गया। दीपक ने यह भी दावा किया कि विरोध करने पर आइएएस चौबे ने अपने प्रभाव का उपयोग कर उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज कराए और उन्हें जेल भी भेजा गया।

    हालांकि हाल के दिनों में विनय चौबे और विनय कुमार सिंह के अन्य मामलों में गिरफ्तारी की खबर के बाद दीपक ने हिम्मत जुटाकर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने आवेदन के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।