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    ... और इस तरह एसीबी की जाल में फंसते गए निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, शराब घोटाला में गिरफ्तार, जमीन घोटाले में हैं जेल के अंदर

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 24 Nov 2025 05:34 PM (IST)

    निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। शराब घोटाले में गिरफ्तारी के बाद, वे अब जमीन घोटाले में जेल में हैं। एसीबी ने खासमहाल जमीन घोटाला और वन भूमि घोटाले में भी प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें चौबे आरोपी हैं। इसके अतिरिक्त, आय से अधिक संपत्ति का मामला भी दर्ज किया गया है, जिससे उनकी मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।

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    निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे 20 मई को शराब घोटाले में गिरफ्तार हुए जो अब तक जेल से बाहर नहीं आ सके हैं।

    राज्य ब्यूरो, जागरण. रांची। निलंबित IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे के विरुद्ध भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) का घेरा एक-एक कर कसता जा रहा है। 20 मई को शराब घोटाले में गिरफ्तार हुए, अब तक जेल से बाहर नहीं आ सके। वर्तमान में चौबे जमीन घोटाला मामले में जेल में बंद हैं। उनकी परेशानी कम होती नहीं दिख रही है।

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    अब तक दर्ज प्राथमिकियां

    शराब घोटाला : एसीबी ने निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे के विरुद्ध 20 मई को शराब घोटाला मामले में एसीबी के रांची थाना कांड संख्या 09/2025 में प्राथमिकी दर्ज की। उसी दिन एसीबी ने उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व सचिव निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, पूर्व संयुक्त आयुक्त उत्पाद गजेंद्र सिंह व प्लेसमेंट एजेंसी मार्शन के स्थानीय प्रतिनिधि नीरज कुमार सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

    राज्य में शराब घोटाला मामले में एसीबी झारखंड ने प्रारंभिक जांच (पीई) में मिले साक्ष्य के आधार पर मंत्रिमंडल निगरानी एवं सचिवालय विभाग से मिली अनुमति के बाद उक्त प्राथमिकी दर्ज की थी। एसीबी को जांच में सबूत मिले कि आरोपित अधिकारियों ने उत्पाद विभाग में नियमों को ताक पर रखकर प्लेसमेंट एजेंसियों का चयन किया।

    फिर उन्हें अनैतिक लाभ पहुंचाया। इससे Jharkhand सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचा था। इस मामले में एक-एक कर 11 आरोपित गिरफ्तार तो हुए, लेकिन निर्धारित 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं होने से सभी जमानत पर जेल से बाहर हो गए थे। इस 90 दिनों के भीतर ही एसीबी ने दूसरी प्राथमिकी दर्ज कर दी थी, जिसमें चौबे को गिरफ्तार दिखा दिया था। इसलिए वे दूसरे केस में न्यायिक हिरासत में रह गए जो अब तक हैं।

    खासमहाल जमीन घोटाला केस

     अगस्त-2025 के पहले सप्ताह में एसीबी के हजारीबाग स्थित थाने में हजारीबाग के बहुचर्चित खासमहाल की 2.75 एकड़ जमीन की अवैध तरीके से एक साजिश के तहत 23 निजी व्यक्तियों को निबंधित करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

    इस गड़बड़ी के मामले में वर्ष 2015 में दर्ज पीई की जांच में पुष्टि के बाद एसीबी ने उक्त प्राथमिकी दर्ज की थी। जमीन घोटाले का यह मामला वर्ष 2008 से 2010 के बीच का है। तब हजारीबाग के उपायुक्त विनय कुमार चौबे थे।

    जांच में पता चला कि विनय कुमार चौबे ने अपने कुछ सहयोगी अधिकारी, रिश्तेदार व सहयोगी व्यवसायी विनय कुमार सिंह के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रचते हुए उक्त जमीन की अवैध तरीके से जमाबंदी व खरीद-बिक्री करवाई थी।इस केस में चौबे, के अलावा तत्कालीन खासमहाल अधिकारी, कारोबारी आदि गिरफ्तार हैं।

    वन भूमि घोटाला

    एसीबी हजारीबाग थाने में 25 सितंबर को कांड संख्या 11/25 में प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें भी हजारीबाग के तत्कालीन उपायुक्त निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे गिरफ्तार किए गए हैं। इस प्राथमिकी में आइएएस विनय कुमार चौबे व उनके करीबी नेक्सजेन ऑटोमोबाइल के संचालक विनय सिंह व उनकी पत्नी स्निग्धा सिंह नामजद आरोपित हैं।

    विनय सिंह ने वर्ष 2010 में वन भूमि की रजिस्ट्री करवा ली थी। इसमें हजारीबाग के सदर अंचल के बभनवे मौजा में खाता नंबर 95 के तीन प्लाट पर 28 डिसमिल व खाता नंबर 73 के एक प्लाट पर 72 डिसमिल वन भूमि की जमीन की रजिस्ट्री हुई थी। पीई जांच में इसकी पुष्टि के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है। जांच जारी है।

    आय से अधिक संपत्ति का मामला

    अब एसीबी रांची ने निलंबित आइएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे, उनके पारिवारिक सदस्यों, सहयोगियों के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में 24 नवंबर को कांड संख्या 20/2025 में नई प्राथमिकी दर्ज की है। इस केस में भी अब चौबे गिरफ्तार होंगे।