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    IAS Pooja Singhal: फिर एक्शन में दिखेंगी पूजा सिंघल, ढाई साल से ज्यादा जेल में रहीं; अब हटा सस्पेंशन

    Updated: Tue, 21 Jan 2025 09:43 PM (IST)

    झारखंड की चर्चित आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल को निलंबन से मुक्त कर दिया गया है। मनरेगा घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार होने के बाद से वह निलंबित थीं। अब उन्हें कार्मिक विभाग में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। पूजा सिंघल मूल रूप से देहरादून की रहने वाली हैं और उन्होंने 1999 में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी।

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    आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की तस्वीर। फ़ोटो- एएनआई

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand News In Hindi खान सचिव रहीं पूजा सिंघल (IAS Pooja Singhal) को निलंबन मुक्त कर दिया गया है। कार्मिक ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।

    ज्ञात हो कि मनरेगा घोटाला (MGNREGA) में मनी लांड्रिंग के आरोप पर उन्हें 11 मई 2022 को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी तारीख से वह निलंबित हो गई थीं। पिछले महीने, पूजा जेल से बाहर आईं हैं।

    निलंबन से पहले वह उद्योग सचिव, खान एवं भूतत्व विभाग की सचिव और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड की प्रबंध निदेशक थीं।

    मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने की थी अनुशंसा

    मंगलवार 21 जनवरी को उनका निलंबन खत्म कर दिया गया है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने उन्हें निलंबन से मुक्त करने की अनुशंसा की थी।

    इसी आधार पर उन्हें अब कार्मिक विभाग में योगदान देने का निर्देश दिया गया है। झारखंड कैडर की चर्चित आइएएस अधिकारी पूजा सिंघल मूल रूप से देहरादून की रहने वाली हैं।

    स्कूल से लेकर कॉलेज तक वह टॉपर रहीं। उन्होंने गढ़वाल विवि से स्नातक की डिग्री लेने के बाद 1999 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल की और महज 21 वर्षों की उम्र आइएएस बनकर उन्होंने पूरे देश में अपना नाम रौशन किया था।

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    मनरेगा घोटाले में आया था नाम

    • मनरेगा घोटाला में नाम आने के बाद उनके घर पर रेड पड़ी थी जिसके बाद जांच के क्रम में उन्हें 11 मई 2022 को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। इसके बाद से पूजा सिंघल जेल में ही थीं।
    • पूजा सिंघल को नए कानून बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 479 का लाभ मिला और इसके बाद उन्हें रिहा कर दिया गया।
    • इस अधिनियम के तहत कोई आरोपित, जिसका पहला अपराध है और उस धारा में होने वाली अधिकतम सजा का एक तिहाई जेल में काट चुका है तो वह आरोपित जमानत का हकदार होता है।

    योगेंद्र तिवारी की डिस्चार्ज पर 30 को सुनवाई

    उधर, एक अन्य मामले की बात करें तो शराब घोटाले की राशि का मनी लांड्रिंग करने के आरोपित योगेंद्र तिवारी की ओर से दाखिल डिस्चार्ज याचिका पर 30 जनवरी को सुनवाई होगी।

    ईडी कोर्ट में मामले में सुनवाई निर्धारित थी। लेकिन सुनवाई के दौरान समय ले लिया गया। योगेंद्र तिवारी ने मामले में अपने आप को निर्दोष बताते हुए 19 दिसंबर को डिस्चार्ज याचिका दाखिल की है। ईडी ने उसे 19 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था।

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