IAS Pooja Singhal: पल्स अस्पताल भूमि की जांच रिपोर्ट गुम... तत्कालीन डीसी ने कराई थी जांच... अब खोजने का ड्रामा
Jharkhand IAS Pooja Singhal पल्स अस्पताल की जमीन संबंधित फाइल गुम होने के बाद अब सभी अधिकारी इस मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। अपर समाहर्ता के कार्यालय ...और पढ़ें

रांची, (शक्ति सिंह)। भ्रष्ट आइएएस अफसर पूजा सिंघल के पति अभिषेक झा के रांची स्थित पल्स अस्पताल की जमीन की जांच संबंधित फाइल गुम होने के मामले में एक नया तथ्य सामने आ रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के टवीट के बाद तत्कालीन उपायुक्त राय महिमापत रे ने मामले की न केवल जांच कराई, बल्कि उसकी रिपोर्ट भी सरकार को सौंपी थी। मुख्यमंत्री के आदेश पर रिपोर्ट 24 घंटे के बाद ही सौंप दी गई थी। जिसमें जमीन को भुईंहरी बताया गया था, जिसका न तो म्यूटेशन हुआ था और न ही उसकी कोई रसीद थी। यही नहीं रिपोर्ट की एक कापी तत्कालीन अपर समाहर्ता के कार्यालय में जमा की गई थी। सवाल यह उठता है कि जांच रिपोर्ट की फाइल कहां गई। वर्तमान पदाधिकारी फाइल गुम होने के नाम पर पल्ला झाड़ने का काम कर रहे हैं। पूरे मामले में लीपापोती करने का प्रयास हो रहा है।
एक सप्ताह से फाइल खोजने का चल रहा ड्रामा
पिछले एक सप्ताह से फाइल खोजने का ड्रामा किया जा रहा है, ताकि मामले को दबाया जा सके। मगर सवाल उठता है कि रिपोर्ट की फाइल समाहर्ता कार्यालय से कैसे गुम हो सकती है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले उपायुक्त छवि रंजन ने भुईंहरी जमीन के सिलसिले में पूर्व में ही जांच को लेकर फाइल मांगी थी। इसके लिए एसी को 48 घंटे की मोहलत भी दी गई थी। इसके बाद भी एसी द्वारा फाइल उपलब्ध नहीं कराई गई। बताया गया कि भुईंहरी जमीन को लेकर कोई भी फाइल कार्यालय में नहीं है। ऐसे में उपायुक्त ने एक बार फिर से तत्कालीन सीओ शैलेश कुमार और तत्कालीन एसी सत्येंद्र कुमार से भुईंहरी जमीन को लेकर संबंधित जानकारी मांगी गई है। यह हास्यास्पद है कि जो पदाधिकारी पद पर है और संबंधित विभाग का अधिकारी है वह खुद भुईंहरी जमीन से जुड़ी फाइल नहीं दे पा रहा है। वहीं, उस अधिकारी से फाइल मांगी जा रही है, जो तीन वर्ष पहले विभाग को छोड़ चुका है, तो ऐसे में सही जानकारी कैसे मिलेगी। फिलहाल उपायुक्त द्वारा तत्कालीन सीओ और एसी से जो रिपोर्ट मांगी गई है, वह कब तक मिलेगी या फिर नहीं मिलेगी। यह देखने की जरूरत है।
24 घंटे में सौंप दी गई थी जांच रिपोर्ट
रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि अपर समहर्ता से फाइल मांगी गई थी। उनके द्वारा फाइल उपलब्ध नहीं कराई गई। फाइल नहीं मिली। ऐसे में तत्कालीन सीओ और एसी से इस संबंध में जानकारी मांगी गई है। उधर, तत्कालीन उपायुक्त राय महिमापत रे ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा टवीट पर आदेश के साथ ही मामले की जांच कराई गई थी। जांच रिपोर्ट 24 घंटे के बाद राज्य सरकार को सौंप दी गई थी। जांच रिपोर्ट की एक कापी तत्कालीन अपर समाहर्ता के कार्यालय में रखी गई थी।
सीएम के टवीट के बाद भी जांच के लिखित आदेश नहीं
पल्स अस्पताल की जमीन मामले में जब मुख्यमंत्री ने टवीट कर तत्कालीन उपायुक्त राय महिमापत रे को जांच का आदेश दिया था, तब उपायुक्त ने ही इस मामले को लेकर कोई भी लिखित आदेश जांच के लिए नहीं दिया था। जबकि नियमत: इस मामले में उपायुक्त को लिखित आदेश जारी करना चाहिए था, ताकि जांच के लिए टीम का गठन हो। टीम पूरी पड़ताल करे। आज उस फाइल को ढूंढा जा रहा है, जो जांच रिपोर्ट के आधार पर कभी बनी ही नहीं। न ही रिपोर्ट कभी भी डीसी को सौंपी गई। पूरे मामले में बड़ा ड्रामा चल रहा है। यही कारण है कि एसी को फाइन ढूंढने पर भी कार्यालय में नहीं मिली। सिर्फ मौखिक आदेश पर थोड़ी बहुत जमीन से जुड़ी जानकारी को जुटाई गई।

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