IAS पूजा सिंघल के कोयला से मनरेगा तक हर जगह काले हैं हाथ
IAS Pooja Singhal झारखंड की वरिष्ठ आइएएस पूजा सिंघल का दामन पहले से ही दागदार रहा है। उन पर पहले भी घोटाले का आरोप लग चुका है। आलम यह है कि उनके खिलाफ देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट में याचिका तक दायर है।

मेदिनीनगर (पलामू), जागरण संवाददाता। झारखंड की उद्योग और खनन विभाग की सचिव पूजा सिंघल शुक्रवार को अचानक सुर्खियों में आ गईं। रांची समेत देशभर में उनके ठिकानों पर ईडी ने छापेमारी शुरू की। इसके बाद पूजा सिंघल को लेकर पलामू में भी जितनी-मुंह उतनी बातें हो रही हैं। वह यहां उपायुक्त के पद पर वर्ष 2009 से 2011 तक रह चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने खूब गुल-गपाड़ा किया। नियम-कानून को धत्ता बताते हुए वन भूमि और भूदान की जमीन को खनन के लिए निजी कंपनी को पट्टा पर दे दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
एटक के राज्य सचिव ने दायर कर रखी पीआइएल
पूजा सिंघल ने पलामू डीसी के पद पर रहते हुए कठौतिया कोल ब्लाक का आवंटन हुआ। इसमें खूब घोटाले हुए। कुछ अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई लेकिन पूजा सिंघल का बाल-बांका भी नहीं हुआ। इस मामले को लेकर एक मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट में एटक के राज्य सचिव राजीव कुमार ने पीआइएल दायर कर रखी है। राजीव कुमार कहते हैं कि आइएएस पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई तो होनी ही थी। उनका भ्रष्ट आचारण जगजाहिर है।
पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई का स्वागत योग्य
झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता केएन त्रिपाठी ने भी पूजा सिंघल के खिलाफ कार्रवाई का स्वागत किया है। हालांकि, उन्होंने ईडी की छापेमारी की टाइमिंग पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि ऐसा लगता है कि यह कार्रवाई झारखंड की झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार को बदनाम करने के लिए की जा रही है।
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