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    IASअमीत कुमार ने न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष कह दी बड़ी बात...विनय चौबे ने जो चाहा, विभाग में वहीं हुआ

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 06:41 PM (IST)

    रांची में आईएएस अमित कुमार ने न्यायिक दंडाधिकारी के समक्ष महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि विनय चौबे ने विभाग में जो चाहा, वही हुआ। इस बयान से प् ...और पढ़ें

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    शराब घोटाला मामले में एसीबी ने पूर्व उत्पाद आयुक्त आइएएस अमीत कुमार का कोर्ट में दर्ज कराया बयान।

    राज्य ब्यूरो, रांची। शराब घोटाला मामले की जांच कर रही एसीबी ने सोमवार को पूर्व उत्पाद आयुक्त आइएएस अमीत कुमार का कोर्ट में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 183 के तहत बयान दर्ज कराया।

    उक्त बयान की कापी को सीलबंद कर एसीबी कोर्ट में रखा गया है। आइएएस अमीत कुमार ने न्यायिक दंडाधिकारी के सामने बंद कमरे में अपना बयान दर्ज कराया है।

    सूत्रों के अनसार उन्होंने बयान दिया है कि उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग में तत्कालीन प्रधान सचिव विनय कुमार चौबे ने जैसा चाहा, जो चाहा, विभाग में वही हुआ। किसी ने उनके आदेश-निर्देश की अवहेलना की कोशिश नहीं की।

    आइएएस अमीत कुमार वर्तमान में वाणिज्यकर विभाग के आयुक्त हैं। उन्होंने कोर्ट को चौबे व विभाग के अन्य कर्मियों के बारे में भी कई अहम जानकारियां दी है।

    उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया है कि पूर्व की उत्पाद नीति के दौरान झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के माध्यम से खुदरा दुकानों का संचालन होता था।

    निजी प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से मैनपावर आपूर्ति कराई गई

    दुकानों के संचालन के लिए निजी प्लेसमेंट एजेंसियों के माध्यम से मैनपावर आपूर्ति कराई गई। इसके लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया तो हुई, लेकिन चौबे ने जिसे चाहा, टेंडर उसे ही मिला।

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    तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने छत्तीसगढ़ म्यूनिसिपल कारपोरेशन लिमिटेड के अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी के साथ मिलकर मनचाहे प्लेसमेंट एजेंसियों को मैनपावर आपूर्ति का ठेका दिलवाया था। विभाग में नियम-कानून को दरकिनार कर पूरी व्यवस्था संचालित की जा रही थी।

    गौरतलब है कि पूर्व उत्पाद आयुक्त अमीत कुमार से एसीबी मुख्यालय में चार दिनों तक पूछताछ हो चुकी है। उनके आग्रह पर ही उनके बयान को न्यायालय में कलमबद्ध कराया गया है।