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    Jharkhand Liquor Scam: आइएएस अमीत कुमार के जवाब से संतुष्ट नहीं एसीबी, आगे भी होगी पूछताछ

    By Dilip Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 12:07 AM (IST)

    उत्पाद नीति में बदलाव और छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन के आधार पर एसीबी ने आईएएस अमीत कुमार से पूछताछ की। एसीबी उनके जवाबों से संतुष्ट नहीं ...और पढ़ें

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     उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार से एसीबी ने सोमवार को भी पूछताछ की।

    राज्य ब्यूरो, रांची।  उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद सह झारखंड स्टेट बेवरेजेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) के पूर्व प्रबंध निदेशक अमीत कुमार से एसीबी ने सोमवार को भी पूछताछ की। यह दूसरी बार है, जब एसीबी ने अपने मुख्यालय में बुलाकर अमीत कुमार से पूछताछ की है।

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    आइएएस अधिकारी अमीत कुमार वर्तमान में वाणिज्यकर विभाग के आयुक्त हैं। उन्होंने दूसरे दिन की पूछताछ में भी अपने जवाब से एसीबी को संतुष्ट नहीं किया है। अब एसीबी उनसे आगे भी पूछताछ करेगी।

    आइएएस अमीत कुमार चार अगस्त 2021 से 10 जुलाई 2022 तक आयुक्त उत्पाद सह प्रबंध निदेशक जेएसबीसीएल थे। इसी अवधि में राज्य में उत्पाद नीति बदली और लागू हुई। आयुक्त उत्पाद के उनके कार्यकाल में ही छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसियां सुमित फैसिलिटिज व अन्य तथा शराब आपूर्ति कंपनियां, होलोग्राम आपूर्ति कंपनी आदि ने झारखंड के शराब कारोबार पर कब्जा किया था।

    उन्हें ही झारखंड में ठेका मिला। छत्तीसगढ़ की प्लेसमेंट एजेंसियों ने सरकारी राजस्व को नुकसान पहुंचाया, जिसकी कानूनी लड़ाई राज्य सरकार लड़ रही है। उत्पाद नीति में बदलाव, छत्तीसगढ़ की ब्लैकलिस्ट कंपनियों को झारखंड के काम दिए जाने के बिंदु पर एसीबी ने अमित कुमार से प्रश्न किए, जिसके जवाब से एसीबी संतुष्ट नहीं हुई।

    पूर्व आयुक्त उत्पाद अमीत कुमार ने कहा कि उत्पाद नीति मई 2022 में लागू हुई थी और उनका दो माह के भीतर ही यानी 10 जुलाई 2022 को स्थानांतरण हो गया था। इसलिए वे इस पूरे प्रकरण में निर्दोष हैं।
    उन्होंने एसीबी को यह भी बताया कि जो उत्पाद नीति राज्य में लागू हुई, उसमें भी उनकी भूमिका नहीं।

    तत्कालीन उत्पाद सचिव विनय कुमार चौबे ने छत्तीसगढ़ माडल पर उत्पाद नीति बदलने संबंधित अनुशंसा सरकार से की थी। सरकार ने उक्त नीति लागू की। इसके लिए कैबिनेट के अप्रूवल सहित सभी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया था। एसीबी उनके बयान की समीक्षा कर रही है। अब तक एसीबी को वे अपने जवाब से संतुष्ट नहीं कर सके हैं। उनसे आगे भी पूछताछ होगी।

    आइएएस अधिकारी फैज अक अहमद मुमताज व कर्ण सत्यार्थी से फिर होनी है पूछताछ

    शराब घोटाला मामले में उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग के पूर्व आयुक्त उत्पाद रहे दो आइएएस अधिकारियों से एसीबी इसी हफ्ते में फिर से पूछताछ करेगी। इन आइएएस अधिकारियों में पूर्व आयुक्त उत्पाद सह वर्तमान में रामगढ़ के उपायुक्त फैज अक अहमद मुमताज व पूर्व आयुक्त उत्पाद सह वर्तमान में पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी शामिल हैं।

    इन दोनों ही अधिकारियों से एसीबी के अधिकारी दो-दो बार पूछताछ कर चुके हैं। कुछ और बिंदुओं पर अभी पूछताछ बाकी है। आइएएस अधिकारी अमीत कुमार से पूछताछ में मिले तथ्यों के आधार पर इन दोनों ही अधिकारियों से पूछताछ की आवश्यकता महसूस हुई है। इसके बाद ही एसीबी उन्हें फिर समन कर पूछताछ के लिए बुलाने जा रही है।

    कारोबारी श्रवण जालान के ठिकाने पर एसीबी ने की छापेमारी

    शराब घोटाला मामले में एसीबी के अधिकारियों की एक टीम ने सोमवार को कारोबारी श्रवण जालान से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की। एसीबी की टीम श्रवण जालान के घर, कार्यालय व अन्य ठिकानों को भी तलाशा। इनमें अरगोड़़ा स्थित श्रवण जालान के राणी सती प्लाई एवं डेकोर नामक प्रतिष्ठान भी शामिल था। एसीबी को छानबीन में यह पता चला है कि श्रवण जालान निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे के काफी करीबी रहे हैं।

    उन्होंने चौबे की काली कमाई से अर्जित धन का निवेश किया है। एसीबी यह जानना चाहती है कि निलंबित आइएएस विनय कुमार चौबे ने कारोबारी श्रवण जालान के माध्यम से कितनी राशि निवेश की। जांच अधिकारी ने श्रवण जालान से उनके कारोबार, अर्जित संपत्ति व लेन-देन से संबंधित जानकारी भी ली है, जिसका सत्यापन किया जाएगा।
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