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    झारखंड में HIV संक्रमितों को पेंशन, आवास व राशन कार्ड का भी मिलेगा लाभ

    By Sujeet Kumar SumanEdited By:
    Updated: Tue, 02 Feb 2021 08:23 PM (IST)

    HIV Infected People will get Pension एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक राजीव रंजन ने कहा कि सभी जिलों में कैलेंडर के अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान शिविर लगाई जाएगी। 11 जिलों में ब्लड बैंक ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट में अपग्रेड होंगे।

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    एड्स परियोजना निदेशक ने यह निर्देश दिए हैं।

    रांची, राज्य ब्यूरो। HIV Infected People will get Pension in Jharkhand झारखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति के परियोजना निदेशक राजीव रंजन ने एचआइवी संक्रमितों को पेंशन व आवास देने तथा उन्हें राशन कार्ड उपलब्ध कराने पर योजना बनाकर काम करने के निर्देश पदाधिकारियों को दिए हैं, ताकि कोई भी संक्रमित इन योजनाओं से वंचित न रहे। परियोजना निदेशक मंगलवार को नाको (नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन) द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे।

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    उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी है कि एचआइवी संक्रमितों के लिए रोजगार सृजन के साथ-साथ उनकी आजीविका का भी पूर्ण ख्याल रखा जाए। संक्रमितों की गोपनीयता का ध्यान रखते हुए हुए ही उन्हें इन योजनाओं का लाभ सुनिश्चित की जानी चाहिए। परियोजना निदेशक ने स्वैच्छिक रक्तदान कार्यक्रम की भी समीक्षा की। इस क्रम में उन्होंने राज्य स्तर पर स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन बड़े पैमाने पर सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए, ताकि सभी जिलों के ब्लड बैंकों में पर्याप्त मात्रा में रक्त की उपलब्धता बनी रहे।

    उन्होंने मुख्य सचिव द्वारा स्वीकृति कैलेंडर के अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित करने के लिए कैलेंडर का प्रकाशन समय पर सुनिश्चित करते हुए सभी जिलों के उपायुक्तों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नाको संपोषित तथा सरकारी ब्लड बैंक में तकनीकी कर्मियों की रिक्तियों को शीघ्र भरने की कार्रवाई हो। उन्होंने राज्य के 11 जिलों के ब्लड बैंकों को ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन यूनिट के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्रवाई शीघ्र पूरी करने को कहा।

    इन 11 जिलों में बोकारो, गिरिडीह, पूर्वी सिंहभूम पश्चिमी सिंहभूम, गुमला, पलामू, हजारीबाग, देवघर, रामगढ़, रांची एवं दुमका शामिल हैं। परियोजना निदेशक के अनुसार, वैश्विक महामारी कोविड-19 के दौरान नाको संपोषित एवं सरकारी रक्त केंद्रों द्वारा 1,38,703 यूनिट रक्त संग्रह किए गए, जबकि 1,33,291 यूनिट रक्त मरीजों को निर्गत किए गए।