हाई कोर्ट ने मेरिट लिस्ट जारी करने पर रोक बरकरार रखी, CGL Paper leak मामले में सुनवाई जारी
झारखंड हाई कोर्ट ने CGL परीक्षा 2017 के पेपर लीक मामले में मेरिट लिस्ट जारी करने पर रोक बरकरार रखी है। न्यायमूर्ति आरआरके त्रिवेदी की एकल पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। आरोप है कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था, जिसके बाद जांच चल रही है। अदालत ने जांच पूरी होने तक नियुक्ति पर रोक लगाई है।

झारखंड हाई कोर्ट ने परीक्षा के मेरिट लिस्ट जारी करने पर रोक को बरकरार रखा है।
राज्य ब्यूरो,रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की अदालत में सीजीएल परीक्षा में कथित गड़बड़ियों और प्रश्नपत्र लीक की जांच सीबीआइ से कराने को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर गुरुवार को भी सुनवाई जारी रहेगी।
इस दौरान अदालत ने परीक्षा के मेरिट लिस्ट जारी करने पर रोक को बरकरार रखा है। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से अदालत को बताया गया कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ था और राज्य सरकार का इस मुद्दे पर रुख लगातार बदलता रहा है।
जांच अधिकारी को भी बिना कोर्ट की अनुमति के बदल दिया गया, जबकि यह गंभीर अनियमितता है। यह भी कहा गया कि गेस पेपर के 50 फीसदी से अधिक प्रश्न परीक्षा में पूछे गए, जिससे लीक की आशंका मजबूत होती है।
हस्तक्षेपकर्ता की ओर से वरीय अधिवक्ता बी मोहन ने बताया कि प्रश्नपत्र लीक का कोई ठोस प्रमाण नहीं है और किसी अभ्यर्थी ने इस संबंध में शिकायत भी नहीं की है। उन्होंने कहा कि कोचिंग संस्थानों द्वारा अफवाह फैलाकर पेपर लीक का माहौल बनाया जा रहा है।
राज्य सरकार और जेएसएससी की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन, अधिवक्ता संजय पिपरावाल और प्रिंस कुमार उपस्थित हुए। महाधिवक्ता ने अदालत को आश्वस्त किया कि सरकार की ओर से सभी बिंदुओं पर जवाब गुरुवार को पेश किया जाएगा।
बता दें कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की इस परीक्षा में विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति प्रस्तावित है। इसमें पेपर लीक होने का आरोप लगा है। इसकी जांच को लेकर प्रकाश कुमार व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

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