सजा में छूट के लिए क्या हैं नीतियां, High Court ने सरकार से मांगा जवाब
Jharkhand High Court ने बिहार सरकार से सजा में छूट देने की नीतियों पर जवाब मांगा है। यह निर्देश एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया गया, जिसमें एक कैदी ने अपनी सजा में छूट की मांग की थी। अदालत ने सरकार से छूट देने के कारकों और दिशानिर्देशों के बारे में जानकारी मांगी है। अदालत याचिकाकर्ता की चिकित्सा स्थिति पर भी विचार करेगी।

झारखंड हाई कोर्ट ने सजा माफी संबंधी नीतियों के बारे में सरकार से जानकारी मांगी है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड कोर्ट के जस्टिस एसएन प्रसाद और जस्टिस एके राय की अदालत ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किए जाने पर स्वत: संज्ञान से दर्ज मामले में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई।
अदालत ने इसे स्वीकार करते हुए जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार से पूछा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य की जेलों में बंद कैदियों को सजा में छूट देने के लिए क्या-क्या किए गए हैं।
सरकार की ओर से कहा गया था कि इस मुद्दे पर नीतिगत निर्णयों और अन्य अद्यतन जानकारियों को लेकर शपथ पत्र दाखिल किया जाएगा। अदालत ने इस मामले में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को प्रतिवादी बनाते हुए उन्हें भी शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुपालन में राज्य में कैदियों की सजा में छूट और रिहाई नीतियों के क्रियान्वयन की निगरानी के लिए हाई कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चार नवंबर को आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी राज्यों के उनकी सजा में छूट की नीतियों के क्रियान्वयन पर निगरानी रखने और उसकी जांच करने का निर्देश दिया था। इस संबंध में एक रिपोर्ट 15 दिसंबर तक सुप्रीम कोर्ट को भेजने का भी आदेश दिया गया है।

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