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    Jharkhand Politics: झारखंड कांग्रेस में किचकिच पर आलाकमान सख्त, सुलह की कवायद

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 01:47 PM (IST)

    झारखंड प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रही आपसी खींचतान और मतभेदों का मामला दिल्ली दरबार तक पहुंच गया है। अब सुलह और समझौते का दौर शुरू हो गया है। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी के राजू ने नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि वे सार्वजनिक तौर पर मतभेद प्रकट न करें

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    एक साथ बैठे स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी, बंधु तिर्की और विधायक सुरेश बैठा, साथ में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर।

    प्रदीप सिंह, रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस में नेताओं के बीच चल रही आपसी खींचतान और मतभेदों ने पार्टी आलाकमान का ध्यान खींचा है। दिल्ली दरबार तक पहुंची शिकायतों के बाद अब सुलह और समझौते का दौर शुरू हो गया है।

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    झारखंड कांग्रेस के प्रभारी के राजू ने मध्यस्थता करते हुए नेताओं को सख्त हिदायत दी है कि वे सार्वजनिक तौर पर मतभेद प्रकट न करें और आपसी समन्वय के साथ गठबंधन की मजबूती के लिए काम करें।

    इस सिलसिले में कांके के विधायक सुरेश बैठा, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की और स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के बीच अलग से बैठक कराई गई।

    इसमें वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर भी शामिल रहे। इस बैठक का मकसद नेताओं के बीच तनातनी को खत्म कर एकजुटता कायम करना था।

    रिम्स निदेशक को हटाने पर विवाद

    विवाद की जड़ में रांची के रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज) अस्पताल के निदेशक को हटाने का मुद्दा रहा। कांके के विधायक सुरेश बैठा ने सार्वजनिक तौर पर कहा था कि वे स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के कहने पर रिम्स निदेशक को हटाने संबंधी पत्र पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे।

    इस बयान ने पार्टी के भीतर तनाव पैदा कर दिया। इरफान अंसारी ने सुरेश बैठा को सुझाव दिया था कि वे इस तरह के निर्णय को सार्वजनिक मंच पर उठाने से बचें, क्योंकि इससे पार्टी और गठबंधन की छवि प्रभावित होती है। हालांकि, बैठा ने अपनी बात पर अड़ते हुए इस मुद्दे पर अपनी असहमति जाहिर की।

    रिम्स-2 पर बंधु तिर्की का विरोध

    दूसरी ओर, कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने रिम्स-2 अस्पताल के प्रस्तावित निर्माण को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज की। तिर्की ने कहा कि वे अपने क्षेत्र में रैयतों की जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हैं और रिम्स-2 के निर्माण की अनुमति नहीं देंगे।

    यह नीतिगत फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्राथमिकता में शामिल है, क्योंकि रिम्स अस्पताल पर बढ़ते दबाव को कम करने के लिए एक और अस्पताल की जरूरत है।

    स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने भी इस प्रस्ताव पर आपत्ति जताई थी, जिससे गठबंधन के भीतर तनाव और बढ़ गया। इस तनातनी ने भाजपा को गठबंधन सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया, जिससे गलत संदेश गया।

    सख्ती से भविष्य में संयम की उम्मीद

    के राजू ने नेताओं को यह भी समझाया कि सार्वजनिक बयानबाजी से न केवल पार्टी की छवि खराब होती है, बल्कि गठबंधन की एकता पर भी सवाल उठते हैं। उन्होंने बंधु तिर्की, सुरेश बैठा, इरफान अंसारी को आपसी समन्वय के साथ काम करने की हिदायत दी।

    सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में नेताओं ने अपनी-अपनी बात रखी और भविष्य में मर्यादित व्यवहार का भरोसा दिलाया। पार्टी आलाकमान ने यह भी संकेत दिया है कि अगर भविष्य में इस तरह की बयानबाजी जारी रही तो सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।

    के राजू की मध्यस्थता के बाद यह उम्मीद जताई जा रही है कि कांग्रेस नेता अब एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी से बचेंगे और गठबंधन के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मिलकर काम करेंगे।

    इस घटनाक्रम ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि आलाकमान झारखंड में पार्टी की एकता और गठबंधन की स्थिरता को लेकर बेहद सतर्क है।

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