Hepatitis: हेपेटाइटिस यानि संक्रामक रोग, लीवर को नुकसान पहुंचाकर ऐसे लेता है जान; जानें इससे बचाव के उपाय
Hepatitis B Symptoms Jharkhand Ranchi News हेपेटाइटिस ए और ई पानी से पैदा होती है जबकि हेपेटाइटिस बी सी और डी सीरिंज नीडल्स इंजेक्शन टूथ ब्रश रेजर्स आदि एक-दूसरे से शेयर करने पर फैलती है। इस खबर में जानिए इसके कारण व बचाव के उपाय।
रांची, जासं। हेपेटाइटिस एक संक्रामक रोग है। यह बीमारी लीवर को प्रभावित करती है और दुनिया भर में बड़ी संख्या में मौत तथा अपंगता का कारण है। एक नई स्टडी में बताया गया है कि पिछले 23 सालों में वायरल हेपेटाइटिस से होने वाली मौत में 63 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। यह कहना है रांची के पारस एचईसी हाॅस्पिटल के गैस्ट्रोइंट्रोलाॅजी के कंसल्टेंट डाॅ. आदित्य वर्द्धन सिंह का।
पारस एचईसी अस्पताल के डॉ. आदित्य वर्द्धन सिंह ने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस पांच तरह का होता है, जिनके नाम हेपेटाइटिस- ए, बी, सी, डी और ई हैं। ये सभी बीमारियां संक्रामक होती हैं, यानी एक व्यक्ति से दूसरे में फैल सकती हैं। इनमें से कुछ की वजह से आदमी की जान भी जा सकती है। हेपेटाइटिस ए और ई पानी से पैदा होती है जबकि हेपेटाइटिस बी, सी और डी सिरिंज, नीडल्स, इंजेक्शन, टूथ ब्रश, रेजर आदि एक-दूसरे से शेयर करने पर फैलती है।
हेपेटाइटिस ए और ई को आम तौर पर खुद से परहेज करके रोका जा सकता है। यह बीमारी छह महीने से ज्यादा नहीं रहती है। लेकिन इस अवधि में सही देखभाल और उपचार नहीं होने पर यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। हेपेटाइटिस-डी का इंफेक्शन उस समय ही होता है, जब कोई व्यक्ति पहले से हेपेटाइटिस-बी से पीड़ित हो।
पारस एचईसी अस्पताल के डॉ. आदित्य वर्द्धन सिंह के मुताबिक वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने खुलासा किया है कि हेपेटाइटिस बी या सी से संक्रमित करीब 95 फीसदों लोगों को पता ही नहीं होता कि वे इस बीमारी से संक्रमित हैं। लंबे समय तक उनके अंदर बीमारी के लक्षण नही दिखते हैं। अकेले इस साल अनुमान के मुताबिक एक से तीन करोड़ लोग हेपेटाइटिस-बी से प्रभावित होंगे।
हेपेटाइटिस के लक्षण
इस बीमारी का अल्पकालिक लक्षण संक्रमण बुखार, भूख न लगना, जी मिचलाना, सिर चकराना, पेट में दर्द, पीलिया और गाढ़े पेशाब के रूप में होता है। क्रोनिक हेपेटाइटिस होने पर लीवर सही से काम नहीं करता है और वह फेल कर जाता है।
पारस एचईसी अस्पताल के डॉ. आदित्य ने बताए हेपेटाइटिस के रोकथाम के उपाय
-तेज धार वाले सामान जैसे- नीडल्स, रेजर या टूथब्रश एक-दूसरे से शेयर न करें।
-असुरक्षित यौन संबंध से परहेज करें।
-0-1-6 महीने के अंतराल पर हेपेटाइटिस-बी के टीके की तीन खुराक लेने पर बीमारी से लड़ने की क्षमता शरीर में पैदा हो जाती है।
-सभी नवजात शिशुओं को पहले साल में हेपेटाइटिस-बी का टीका लगवाना चाहिए।
-सभी गर्भवती महिलाओं को हेपेटाइटिस-बी और सी की जांच करानी चाहिए। बीमारी पाए जाने पर इसके संचार को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय करना चाहिए।
-खुले जख्म को दस्तानों के बगैर नहीं छूना चाहिए।