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    I.N.D.I.A में सब ठीक? दिल्ली में होने वाली बैठक में हेमंत सोरेन नहीं होंगे शामिल, पार्टी से इन नेताओं को भेजा

    By Pradeep singhEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Mon, 18 Dec 2023 07:42 PM (IST)

    दिल्ली में मंगलवार को आइएनडीआइए गठबंधन की बैठक होगी। बैठक के लिए गठबंधन के नेता सभी राज्यों से दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहीं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कल की बैठक में शामिल नहीं होंगे। अब उनकी जगह कल होने वाली गठबंधन की बैठक में राजमहल के झामुमो सांसद विजय हांसदा राज्यसभा सदस्य महुआ माजी भाग लेंगे। दरअसल झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है।

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    I.N.D.I.A में सब ठीक? दिल्ली में होने वाली बैठक में हेमंत सोरेन नहीं होंगे शामिल

    राज्य ब्यूरो, रांची। नई दिल्ली में मंगलवार को होने वाली आइएनडीआइए की बैठक में हेमंत सोरेन शामिल नहीं होंगे। हेमंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। वे आइएनडीआइए की शीर्षस्थ नीति निर्धारिक समिति के भी सदस्य हैं।

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    इससे पहले पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव परिणाम के तत्काव बाद बुलाई गई बैठक में भी उनके जाने का कार्यक्रम निर्धारित नहीं हो पाया था। हालांकि, वह बैठक अंतिम वक्त में टल गई थी।

    मंगलवार को गुमला जाएंगे सीएम सोरेन

    हेमंत सोरेन के बैठक में नहीं जाने की वजह उनकी राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्तता है। राज्य विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी चल रहा है। इसके अलावा वे लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं। मंगलवार को उनका गुमला जाने का कार्यक्रम है। यही कारण है कि उन्होंने बैठक में शामिल होने में असमर्थता जताई है।

    उनके स्थान पर बैठक में झामुमो के राजमहल के सांसद विजय हांसदा, राज्यसभा सदस्य महुआ माजी और झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य बैठक में शामिल होंगे। इस बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा होने की उम्मीद है। लोकसभा चुनाव में झामुमो की दावेदारी आठ सीटों पर है।

    नए सिरे से सीट बंटवारे पर हो सकता है फैसला

    झामुमो ने सहयोगी दल कांग्रेस पार्टी पर इसके लिए दबाव बनाया है। मोर्चा ने पुराने फार्मूले को नकारते हुए कहा है कि नए सिरे से सीट बंटवारे पर निर्णय होना चाहिए। विधानसभा चुनाव के बाद झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है। ऐसे में सीटों का निर्धारण भी उसी हिसाब से होना चाहिए।

    मोर्चा ने खुद को गठबंधन का बड़ा भाई बताते हुए इसके स्पष्ट संकेत दिए हैं कि सीटों के बंटवारे पर वह ज्यादा झुकने की स्थिति में नहीं है। झामुमो और कांग्रेस के अलावा राजद, जदयू और वामदलों की नजर भी सीटों पर है।

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