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    Jharkhand PESA Act: झारखंड में लागू होगा पेसा एक्ट, हेमंत कैबिनेट में नियमावली मंजूर

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 09:48 PM (IST)

    झारखंड में पेसा एक्ट लागू करने की नियमावली को हेमंत कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। इस फैसले से राज्य में जनजातीय समुदाय के अधिकारों को मजबूती मिलेगी। कैब ...और पढ़ें

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    झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में पेसा एक्ट के तहत नियमावली (पंचायत उपबंध, अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार अधिनियम) को मंगलवार को आयोजित कैबिनेट की बैठक में मंजूरी मिल गई है। हेमंत कैबिनेट के पंचायती राज विभाग के प्रस्ताव को मामूली संशोधनाें के साथ स्वीकृति दे दी है। इसके तहत ग्राम सभाओं को सशक्त करते हुए कई शक्ति दायित्व भी दिए गए हैं।

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    ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम सभा को लघु वन उपज के उपयोग, स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, जल संसाधन प्रबंधन के भी अधिकार भी प्राप्त होंगे। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में इसे मंजूरी दे दी गई। कैबिनेट की बैठक में कुल 39 प्रस्ताव पारित हुए।

    कैबिनेट की बैठक के बाद पंचायती राज सचिव मनोज कुमार ने मीडिया को बताया कि नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद इसे लागू किया जाएगा। पेसा अधिनियम के प्रावधानों और ग्राम सभा को शक्तियां प्रदान करने वाले अन्य अधिनियमों के कुछ अन्य अनुच्छेदों के अनुरूप तैयार किया गया है।

    मसौदा नियमों में ग्राम सभाओं के परिसीमन का प्रविधान भी शामिल है, जिसे जिला प्रशासन द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। अनुसूचित जिलों में भी पंचायती राज चुनावों पर पेसा नियमों का सीधा प्रभाव नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि झारखंड पंचायती राज अधिनियम, 2001 के प्रावधान पहले से ही पेसा के अनुरूप हैं, इसलिए वास्तव में नए नियमों का त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

    योजनाओं में ग्रामसभा की भूमिका होगी तय। सचिव मनोज कुमार ने बताया कि राज्य में 13 जिले पूरी तरह से अनुसूचित क्षेत्र में हैं। शेष दो जिलों के कुछ प्रखंड अनुसूचित क्षेत्र में आते हैं।

    सभी विभागों की बात सुनकर लिया है फैसला : सीएम

    सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि पेसा एक्ट को कैबिनेट ने स्वीकृति दे दी है। इसको लागू करने लिए नियमावली बन गई है। इस मामले में विभागों और लोगों से मंतव्य लिया गया था। कैबिनेट में चर्चा के बाद आखिरकार यह अपने मूल रूप में जनता को समर्पित होगा। अधिसूचित क्षेत्र में इसे बेहतर तरीके से लागू किया जाएगा।

    कैबिनेट में एक घंटे से अधिक तक इस विषय पर चर्चा हुई। सभी विभागों की बात सुनी गई और मुख्यमंत्री की सलाह और मंत्रियों के परामर्श को स्वीकार करते हुए इस अधिनियम को पारित किया गया है।झारखंड स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर इसे दिशोम गुरू को समर्पित किया गया है। - दीपिका पांडेय सिंह, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री।

    काफी चर्चा हुई। मैंने प्रस्ताव दिया कि हर राजस्व ग्राम में एक ही ग्राम सभा होगा। पंचायत समितियां जितनी भी हो, कोई बात नहीं। इस पर सभी ने स्वीकृति दे दी। चमरा लिंडा भी इस बात पर तैयार हो गए।यह राहुल गांधी का सपना था और सीएम भी यही चाहते थे। - राधाकृष्ण किशोर, वित्त मंत्री, झारखंड।

    मछली पालन से लेकर शराब की दुकानों तक पर ग्राम सभा का निर्णय होगा महत्वपूर्ण

    पेसा के तहत एक एकड़ से कम वाले जल क्षेत्र पर ग्राम सभा का नियंत्रण होगा। ग्राम सभा ही इस क्षेत्र में मछली पालन का निर्णय करेगी। उस तालाब से निकली मछली के उपयोग का फैसला भी ग्राम सभा ही करेगी।

    शराब की दुकानों के खुलने पर

    कोई भी शराब की दुकान, देसी अथवा विदेशी शराब की दुकान ग्राम सभा की अनुमति के बाद ही खुलेगा। किसी भी हाल में ग्राम सभा के निर्णयों की अवहेलना कर शराब की दुकानें नहीं खुलेंगी।

    चोरी और सामान्य अपराधों की सुनवाई

    घर में हुई चोरी, मवेशी चोरी और सामान्य अपराधों की सुनवाई ग्राम सभा करेगी। किसी की जमीन पर कब्जे की कोशिश, हल्की मारपीट जैसे अपराधों की शिकायत मिलने पर ग्राम सभा उसकी सुनवाई करेगी। दो हजार रुपए तक जुर्माना भी कर सकेगी। हालांकि इस मामले में अभी कुछ संशोधन किया जा रहा है।

    स्कूल, स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन पर भी ग्राम सभा का रहेगा हस्तक्षेप

    पंचायतों में चल रहे स्कूल या स्वास्थ्य केंद्रों के संचालन पर भी ग्राम सभा हस्तक्षेप कर सकता है। शिक्षकों, चिकित्सकों, पारा मेडिकल कर्मियों की अनुपस्थिति पर ग्राम सभा कार्रवाई की अनुशंसा करेगी।