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    Jharkhand Election: विधानसभा चुनाव से पहले हेमंत सरकार के वादों ने बढ़ाई टेंशन, क्या है भाजपा का मास्टर प्लान?

    Jharkhand Assembly Election झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले ही सियासी गलियारों में चर्चाओं को दौर शुरू हो गया है। इसकी वजह हेमंत सोरेन सरकार की ओर से की जाने वाली घोषणाएं है। इन घोषणाओं की काट के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपना मास्टर प्लान तैयार करने की कवायद को तेज कर दिया है।

    By Pradeep singh Edited By: Yogesh Sahu Updated: Fri, 09 Aug 2024 09:21 PM (IST)
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    Jharkhand Election: हेमंत सरकार ने विधानसभा चुनाव से पहले लगाई वादों की झड़ी

    राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Assembly Election: विधानसभा चुनाव में मतदाताओं को नकदी वितरण योजनाएं और इससे जुड़े प्रमुख दलों के आकर्षक वादे लुभाते हैं। यही वजह है कि चुनाव के पूर्व ऐसी घोषणाओं को लेकर राजनीतिक दलों में एक होड़ सी लग जाती है।

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    सत्तापक्ष जहां वापसी के लिए हरसंभव कवायद करता है। वहीं, प्रतिद्वंद्वी पर भी यह दबाव होता है कि लुभाने वाली योजनाएं लेकर उसके नेता चुनावी सभाओं में जाएं। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा का दौर जारी है।

    माना जा रहा है कि हेमंत सरकार की घोषणाओं को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। इसके तहत कई बैठकें भी हो चुकी हैं। बहुत संभव है कि आने वाले दिनों में सियासी हवा में इसकी सुगबुगाहट सुनाई दे।

    दौड़ में पिछड़ना नहीं चाहता कोई दल

    बता दें कि छत्तीसगढ़ में इसी दम पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बाजी पलट दी थी। कोई दल इस दौड़ में पिछड़ना नहीं चाहता। आसन्न विधानसभा चुनाव के मद्देनजर झारखंड में भी इसकी पुनरावृत्ति की संभावना प्रबल हो गई है।

    विधानसभा चुनाव को केंद्र में रखकर झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार की ओर से कल्याणकारी योजनाओं और वादों की झड़ी लगाई जा रही है।

    सालाना 12 हजार रुपये देने की योजना

    Maiya Samman Yojana: 21 से 50 वर्ष की महिलाओं के लिए सालाना 12 हजार रुपये की योजना मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने लॉन्च कर दी है।

    सियासी जानकारी यह भी कहते हैं कि किसानों की कर्ज माफी का दायरा 50 हजार से बढ़ाकर दो लाख करने की मंजूरी का भी चुनावों में असर पड़ना स्वाभाविक है।

    माना जा रहा है कि गुरुवार को जमशेदपुर में झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय निर्मल महतो की पुण्यतिथि के मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने महिलाओं को सालाना एक लाख तक देने की बात कहकर बढ़त बना ली है।

    इससे प्रतिद्वंद्वी भाजपा पर भी दबाव बढ़ा है कि लुभावनी योजनाओं की घोषणा कर चुनावी महासमर में गठबंधन का मुकाबला किया जाए। छत्तीसगढ़ में यह प्रयोग सफल हो चुका है।

    जहां भाजपा ने अप्रत्याशित तरीके से कांग्रेस को हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव (Jharkhand Assembly Election) में परास्त कर दिया था। घोषणापत्र में इस बिंदु पर अधिकाधिक फोकस रहने की संभावना है।

    ध्यान भटका रहे हेमंत सोरेन : भाजपा

    इधर, भाजपा का कहना है कि हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) चुनाव में अपनी बुरी स्थिति को देखते हुए ऐसी घोषणाएं कर लोगों का ध्यान भटका रहे हैं। इसके मुकाबले लोगों का भरोसा मोदी की गारंटी पर है।

    उधर, सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) पलटवार का कोई मौका नहीं चूक रहा है। झामुमो का दावा है कि सभी वर्गों के सशक्तिकरण के हेमंत सोरेन के प्रयास से भाजपा के नेता बदहवास हैं। उनके पास सरकार के विरुद्ध कोई मुद्दा नहीं है।

    घोषणा पत्र के जरिए भी एक-दूसरे की घेराबंदी

    भाजपा ने घोषणापत्र को अंतिम रूप देने की तैयारी कर ली है। इसके लिए वरीय नेताओं की एक उच्चस्तरीय कमेटी की गठित की गई थी। इसकी कई दौर की बैठकें हो चुकी हैं।

    सहमति मिलने के बाद इसे जारी किया जाएगा। भाजपा की नजर सत्तारूढ़ झामुमो द्वारा वर्ष 2019 में जारी किए गए मेनिफेस्टो निश्चय-पत्र पर भी है। इसमें किए गए वादों की पार्टी पड़ताल कर लेखा-जोखा जारी करने की तैयारी में है।

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