रांची, राज्य ब्यूरो: राज्य के सरकारी कर्मचारियों की मांग के अनुरूप उन्हें पुरानी पेंशन योजना में शामिल करने के फैसले पर अमल कर चुके झारखंड के 98 प्रतिशत कर्मियों ने पुरानी पेंशन योजना के तहत कटौती के लिए सहमति प्रदान कर दी है। उनके खाते से राशि की कटौती भी शुरू हो चुकी है।
सहमति के बाद कर्मचारियों के खाते कटौती शुरू
झारखंड भविष्य निधि निदेशालय के आंकड़ों के अनुसार 1,16,303 कर्मियों ने इसके लिए अपनी सहमति प्रदान की और सभी के खाते से राशि की कटौती भी शुरू हो चुकी है। यह आंकड़ा कुल कर्मियों के हिसाब से लगभग 98 प्रतिशत है।
राज्य सरकार ने नई और पुरानी पेंशन में किसी एक को चुनने को कहा था
ज्ञात हो कि झारखंड में एक दिसंबर 2004 के बाद नियुक्त राज्य सरकार के कर्मचारी नेशनल पेंशन स्कीम के दायरे में हैं। इसके तहत आने वाले एक लाख 14 हजार 326 कर्मचारियों को झारखंड सरकार ने पुरानी और नई पेंशन योजना में से किसी एक का विकल्प चुनने के लिए कहा गया था।
आवेदन की आखिरी तारीख 31 दिसंबर निर्धारित थी और ठीक इसके एक माह बाद यह आंकड़ा आया है। पुरानी पेंशन योजना के तहत कर्मचारियों को अंतिम मासिक वेतन का आधी पेंशन के रूप में देने का प्रविधान है जबकि नई पेंशन योजना में ऐसी सुविधा नहीं है।
राज्य सरकार नहीं छोड़ पा रही पूर्व में जमा राशि का मोह
झारखंड में पुरानी पेंशन योजना लागू करने के साथ ही इसके पूर्व राज्यकर्मियों के पेंशन फंड का एनएसडीएल के पास जमा लगभग 17 हजार करोड़ से अधिक की राशि को वापस लेने की कवायद में राज्य सरकार लग चुकी है। पिछले महीने वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार को इससे संबधित पत्र लिखा था जिसका जवाब अभी तक नहीं आया है। केंद्र सरकार की ओर से पहले ही ऐसे संकेत मिले हैं कि जमा की हुई राशि वापस नहीं लौटेगी।
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