Chaibasa: आदिवासी हो युवा महासभा ने ईसाई धर्म अपनाने वाले आदिवासियों की कराई घरवापसी
चाईबासा के मझगांव के कुलबाई गांव में आदिवासी ग्रामीणों की पहल परगांव में ईसाई धर्म अपनाने वाले चौदह आदिवासियों ने सरना धर्म में वापसी की है। घरवापसी करने वालों का बाकायदा आदिवासी परंपरा के अनुसार बोंगा-बुरु कर ग्रामीण मुंडा एवं मानकी के सामने विधिवत रूप से स्वागत किया गया।
चाईबासा, जागरण टीम: झारखंड में आये दिन ईसाई मिशनरियों द्वारा आदिवासियों का धर्मातंरण करनाने से संबंधित खबरें आती रहती हैं। इस बार मामला इसके उलट है। ग्रामीणों की पहल पर मझगांव के कुलबाई गांव में ईसाई धर्म अपनाने वाले चौदह आदिवासियों ने सरना धर्म में वापसी की है।
आदिवासी हो युवा समाज महासभा ने कुलबई गांव में धर्म जागरण कार्यक्रम का आयोजन कर आदिवासी रीति रिवाज से धर्मातंरित आदिवासियों की घरवापसी कराई।
जनजातीय संस्कृति को जिंदा रखने के नारे को किया बुलंद
अपनी भाषा, संस्कृति,रीति-रिवाज,परंपरा और जनजातीय संस्कृतियों को समाज में मजबूती के साथ जिंदा रखने के लिए अपना गांव, अपना समाज और अपना धर्म का नारा को आदिवासी हो समाज युवा महासभा के तत्वधान में ग्रामीणों ने बुलंद किया।
आदिवासी रीति-रिवाज से किया गया स्वागत
सरना धर्म में घर वापसी करने वाले लोगों को गांव के दियुरी सोनाराम तिरिया के द्वारा हो समाज की रीति-रिवाज के अनुसार बोंगा-बुरु कर ग्रामीण मुंडा एवं मानकी के सामने विधिवत रूप से स्वागत किया गया। महासभा द्वारा घरवापसी करने वाले लोगों को सामाजिक स्तर पर हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया।
जबरन धर्मातंरण अवसंवैधानिक
आदिवासी हो समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय महासचिव गब्बर सिंह हेम्ब्रम ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार को समाज में प्राथमिक स्तर से आधुनिक युग में प्रबन्धन तरीके से अपने लोगों के बीच जानकारी साझा करन और सहयोग करने का अपील की। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्र में विशेष कानूनों के प्रावधानों के बावजूद जनजातियों को जबरन ईसाई- हिंदू- मुस्लिम में धर्मांतरण कराना असंवैधानिक है।
आदिवासी बचओ रैली में शामिल होने की अपील
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ईपिल सामाड ने कहा कि समाज में जागरूक युवा और जागरूक समाज के निर्माण में सामाजिक संगठन का सहयोग करें। उन्होने कहा कि आदिवासी हो समाज युवा महासभा प्रंद्रह-बीस सालों से धर्मांतरण के खिलाफ अभियान चला रही है। किसी के बहकावे में धर्म का परिवर्तन न करें। महासभा के पदाधिकारियों आगामी 5 मार्च को रांची में आदिवासी बचाओ महारैली में शामिल होने के लिए ग्रामीणों को अपील किया ।