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    Jharkhand News: हेमंत सरकार ने किसानों को दे दी बड़ी राहत, अब इस मामले में होगी काफी बचत

    किसान समृद्धि योजना के तहत किसानों को 90 प्रतिशत सब्सिडी पर सोलर पंप मिल रहे हैं। कृषि विभाग द्वारा शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए वैकल्पिक साधन उपलब्ध कराना है। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर में किसानों को ये पंप वितरित किए। इस योजना से किसानों को डीजल पंप पर होने वाले खर्च से मुक्ति मिलेगी।

    By Manoj Singh Edited By: Mukul Kumar Updated: Mon, 14 Apr 2025 07:41 PM (IST)
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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    मनोज सिंह, रांची। राज्य में खेती लगभग वर्षा पर निर्भर करती है। जरूरत के समय किसानों को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत सिंचाई करनी पड़ती है, जिसका उन्हें चुकाना पड़ता है।

    इसी समस्या को दूर करने के लिए कृषि विभाग अब राज्य के किसानों को दो एचपी (हार्स पावर) का सोलर पंप दे रही है। इस योजना का नाम किसान समृद्धि योजना रखा गया है।

    कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने मांडर में किसानों को सोलर पंप दिया। उक्त पंप 90 प्रतिशत अनुदान पर दिया जा रहा है। किसान को मात्र 10 प्रतिशत राशि देनी पड़ती है।

    इसकी लागत 1.80 लाख और 1.81 लाख है। यह सोलर पंप एक ट्राली पर लगा होता है, जिसको काम होने के बाद किसान अपने घर ले जाता है। ऐसे में इसके चोरी होने की संभावना पूरी तरह से समाप्त हो जाती है।

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    दो हजार किसानों को मिल जाएगा सोलर पंप

    कृषि विभाग की ओर से बताया गया कि अभी राज्य के सभी जिलों के 1200 किसानों को सोलर पंप दिया गया है। इस माह के अंत तक करीब दो हजार किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराया जाएगा।

    राज्य में करीब 8500 सोलर पंप देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए किसानों को आवेदन करना पड़ता है। अब तक राज्य से 15 हजार किसानों ने सोलर पंप प्राप्त करने के लिए आवेदन दिया है।

    इसके लिए किसानों को प्रज्ञा केंद्र से ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है। आवेदन को पहले ग्राम सभा से अनुशंसा की जाती है।

    इसके बाद किसान का आधार कार्ड, राशन काड्र, और जमीन के दस्तावेज को अपलोड करना पड़ता है। फिर जिले के पदाधिकारी इसकी जांच कर अनुशंसा देते हैं।

    अंत में कृषि निदेशालय से उक्त आवेदन पर सोलर पंप दिए जाने की अनुमति दी जाती है। उसके बाद कार्यदायी संस्था के जरिए किसानों को सोलर पंप उपलब्ध कराया जाता है।

    पर्यावरण के साथ पैसे की भी होगी बचत

    सोलर पंप दिए जाने से राज्य के किसानों की पैसे की भी बचत होगी। क्योंकि सिंचाई के लिए उन्हें डीजल पंप चलाने पड़ते थे, जिससे पैसे के साथ-साथ पर्यावरण भी दूषित होता था।

    लेकिन सोलर पंप के जरिए किसान अपनी खेतों में पानी पटवन करते हैं, तो उन्हें किसी प्रकार की राशि खर्च नहीं करनी पड़ती है और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं होता है।

    जिन किसानों को सोलर पंप मिला है उनका कहना है कि इससे बचने वाले पैसे बच्चों की शिक्षा और घर के अन्य सामान पर खर्च किया जाएगा। पहले डीजल पंप चलाने के लिए किसी पर निर्भर होना पड़ता था।

    लेकिन अब महिलाएं ही सोलर पंप को चला पाएंगी। कृषि विभाग के अनुसार किसान समृद्धि योजना के तहत मिलने वाले सोलर पंप के लिए किसान की उम्र 18 साल होनी चाहिए। इसके लिए जमीन संबंधी कोई बाध्यता नहीं रखी गई है।

    झारखंड में पहली बार अन्नदाताओं के लिए किसान समृद्धि योजना की शुरुआत की गई है। योजना का उद्देश्य हर खेत तक पानी पहुंचाना है। सौर ऊर्जा पंप के सहारे अब किसान पटवन पर होने वाले खर्च जैसे डीजल- पेट्रोल की राशि का बचत कर पाएंगे। बचत की गई राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई से लेकर बुजुर्गों की दवाई और दूसरे जरूरी काम में कर सकते है। 90 प्रतिशत अनुदान पर किसान समृद्धि योजना कृषि क्षेत्र में मिल का पत्थर साबित होगा।-शिल्पी नेहा तिर्की, कृषि मंत्री, झारखंड

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