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    हैलो, आपका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है; 10 लाख दीजिए काम हो जाएगा, JPSC Exam देने वालों को आ रहे Fraud Call

    Updated: Tue, 01 Jul 2025 05:55 PM (IST)

    जेपीएससी परीक्षा दे चुके अभ्यर्थी परेशान हैं। उन्हें बार-बार फ्राड काल आ रहे हैं। कहा जा रहा-आपका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है 10 लाख रुपये दीजिये और आपका काम हो जाएगा। अभ्यर्थियों में एक बार फिर इस बात की निराशा छा रही है कि कहीं अबकी बार भी सेटिंग गेटिंग का चक्कर न हो जाए।

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    जेपीएससी की परीक्षा दे चुके अभ्यर्थी फ्राड काल से परेशान हैं, उनमें तरह-तरह की आशंकाएं पनप रही हैं।

    कुमार गौरव, रांची। हैलो, आपका नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है, 10 लाख रुपये दीजिये और जेपीएससी में आपका काम हो जाएगा। कुछ ऐसे फर्जी काल्स इन दिनों जेपीएससी की परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों को आ रहे हैं। इन काल्स से वे न सिर्फ परेशान हैं बल्कि वे अपने सपनाें को बिखरता भी देख रहे हैं।

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    उनमें इस बात की निराशा है कि कहीं अबकी बार भी सेटिंग गेटिंग का चक्कर तो नहीं है। ऐसे कई काल्स जेपीएससी की परीक्षा दे चुके अभ्यर्थियों को लगातार आ रहे हैं। अभ्यर्थियों का पूरा डिटेल्स खंगाल कर उनके मोबाइल नंबर पर काल किया जा रहा है। परेशान अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत करने की ठानी है।

    अभ्यर्थियों ने कहा, आखिर किस परिस्थिति में फर्जी कालर के पास अभ्यर्थियों का पूरा पारिवारिक डिटेल्स पहुंच गया। अभ्यर्थियों ने संदेह जाहिर करते हुए कहा कि पहली बार जेपीएससी द्वारा कापी स्कैनिंग का कार्य किया जा रहा है, जो कि थर्ड पार्टी एजेंसी के द्वारा कराया जा रहा है।

    ऐसे में उन्होंने शक जाहिर किया है कि अभ्यर्थियों से जुड़ी गोपनीयता हो न हो यहीं से भंग हुई है। बता दें कि झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियोगिता परीक्षा 2023 की विज्ञापन तिथि 27 जनवरी 2024 को निकली तो अभ्यर्थियों में एक आस जगी कि अबकी बार बड़ी संख्या में नौकरी मिलेगी।

    हर बार की तरह इस बार भी जेपीएससी की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गए और मामला कोर्ट तक पहुंच गया है। जिस कारण रिजल्ट पेंडिंग है।

    इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री व ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास भी कूद पड़े हैं। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर जेपीएससी द्वारा आयोजित इस परीक्षा में अनियमितता की जांच कराने के लिए राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार के सचिवालय द्वारा पत्र जारी करने का आभार जताया है।

    कुल 342 अभ्यर्थियों का होना है चयन

    वहीं दूसरी ओर, 10 जून से 23 जून 2025 तक हुए इंटरव्यू के बाद 864 अभ्यर्थी इस आस में बैठे हैं कि इंटरव्यू के बाद अंतिम रूप से चयनित होने वाले 342 अभ्यर्थियों की सूची में किसका नाम समाहित होगा। कुछ अभ्यर्थियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि जेपीएससी में सारा खेल सेटिंग गेटिंग के दम पर हो जाता है।

    उन्होंने बताया कि परीक्षा से पूर्व जेपीएससी द्वारा आमंत्रित टेंडर व दिशा निर्देश में थर्ड पार्टी एजेंसी का कहीं कोई जिक्र नहीं है लेकिन इसके बाद भी एजेंसी व उनके कर्मियों से बेहद गोपनीय कार्य मसलन कापी स्कैनिंग, कापी चेकिंग, मूल्यांकन, स्क्रूटनी व मेधा सूची तैयार करने में इनका सहयोग लिया जा रहा है।

    इससे अभ्यर्थियों से संबंधित सारी जानकारी सार्वजनिक हो रही है और उन्हें लगातार फर्जी काल तक आ रहे हैं। अभ्यर्थियों ने यह भी आरोप मढ़ा है कि आदिवासी मूलवासी छात्र छात्राएं, जो पूर्व में छठा और सातवां जेपीएससी में इंटरव्यू दे चुके हैं उनका मुख्य परीक्षा में चयन तक नहीं हुआ है। जिससे जेपीएससी की कार्यशैली पर एक बार फिर सवाल उठने शुरू हो गए है।

    यहां इस समीकरण को जानना है आवश्यक

    • झारखंड संयुक्त असैनिक सेवा प्रतियाेगिता परीक्षा 2023 के लिए विज्ञापन तिथि 27 जनवरी 2024 को प्रकाशित
    • कुल रिक्त पदों की संख्या 342, अनारक्षित 155, अनुसूचित जनजाति 88, अनुसूचित जाति 31, अति पिछड़ा वर्ग 15, पिछड़ा वर्ग 24, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए 29 सीटें
    • आनलाइन आवेदन भरने की तिथि 1 फरवरी 2024 और अंतिम तिथि 29 फरवरी 2024, आनलाइन आवेदन भरने की विस्तृत अंतिम तिथि 3 मार्च 2024
    • प्रारंभिक परीक्षा की तिथि 17 मार्च 2024 यानी फार्म भरने के 14 दिनों बाद ही प्रारंभिक परीक्षा की तिथि जारी कर दी गई
    • प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम 23 अप्रैल 2024
    • मुख्य परीक्षा लिखित आवेदन करने की तिथि 26 अप्रैल 2024
    • मुख्य परीक्षा लिखित की तिथि 22 जून से 24 जून 2024, इंटरव्यू के लिए सूचना 31 जुलाई 2024, इन 37 दिनों के अंदर जेपीएससी के द्वारा कापी स्कैनिंग, री-शफलिंग, कोडिंग, मूल्यांकन, स्क्रूटनिंग और मेधा सूची तैयार कर ली गई।

    अभ्यर्थियों ने सवाल उठाया है कि मुख्य परीक्षा में कुल 5600 अभ्यर्थियों ने छह विषयों की परीक्षा दी। जिसमें प्रति विषय 48 पेज की कापी होती है और कुल कापियों की संख्या 33,600 तो पन्नों की संख्या 16 लाख 12 हजार 800 है।

    महज 37 दिनों में इतने पन्नों की स्कैनिंग के अलावे परीक्षा से जुड़े अन्य कार्य एजेंसी से आखिर किस तरह कराए गए, यह समझ से परे है।

    उन्होंने कोर्ट में जो याचिका दायर की है उसमें डिजिटल माध्यम से मुख्य परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन का विरोध किया है।

    अभ्यर्थियों ने इन मुद्दों पर उठाई है आवाज

    • डिजिटल माध्यम से मुख्य परीक्षा की कापियों का मूल्यांकन
    • अयोग्य शिक्षकों से मुख्य परीक्षा की कापी का मूल्यांकन
    • परीक्षा प्रक्रिया में थर्ड पार्टी एजेंसी को शामिल करना
    • मुख्य परीक्षा लिखित की कापियों के मूल्यांकन कार्य में अप्रत्याशित तीव्रता
    • अभ्यर्थियों की गोपनीय जानकारियों का लीक होना
    • परीक्षा परिणाम में असंतोष
    • नियम विरुद्ध डिजिटल प्रणाली को अपनाया जाना।