झारखंड हाईकोर्ट में CBI की याचिका पर सुनवाई, चारा घोटाला में सजायाफ्ता लालू यादव की सजा बढ़ाने से जुड़ा मामला
चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने को लेकर सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई और अब अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। फिलहाल इस मामले में लालू प्रसाद यादव की अपील एकल पीठ में लंबित है।

जासं, रांची। चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की सजा बढ़ाने को लेकर सीबीआई की ओर से दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस एसएन प्रसाद व जस्टिस एस चांद की अदालत ने सीबीआई से जानना चाहा कि जब इससे संबंधित सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव की अपील लंबित है, तो मामले की खंडपीठ में कैसे सुनवाई हो सकती है। इस पर सीबीआई से अदालत ने जवाब मांगा है।
19 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई
मामले में अगली सुनवाई 19 अप्रैल को होगी। सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद की ओर से अधिवक्ता देवर्षी मंडल ने अदालत को बताया कि फिलहाल इस मामले में लालू प्रसाद यादव की अपील एकल पीठ में लंबित है। बता दें कि सीबीआई ने देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में निचली अदालत में लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। सीबीआई ने सजा बढ़ाने की मांग करते हुए कहा है कि लालू प्रसाद यादव उच्च स्तरीय षड्यंत्र में शामिल थे इसलिए उन्हें अधिकतम सजा मिलनी चाहिए।
कोषागार घोटालों में लालू यादव को सीबीआइ ने ठहराया दोषी
गौरतलब है कि स्पेशल सीबीआइ कोर्ट ने धोखाधड़ी करते हुए देवघर कोषागार से बड़े पैमाने पर निकासी से संबंधित मामले (आरसी64ए ) में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को दोषी ठहराया था। इसके अलावा उन्हें डोरंडा ट्रेजरी केस मामले में भी दोषी ठहराया गया है। मामला डोरंडा कोषागार से 139 करोड़ रुपये की निकासी का है। यह निकासी 1990-95 के बीच की गई थी।
950 करोड़ रुपये का है चारा घोटाला
रही बात चारा घोटाले की, तो इसे बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार घोटाला करार दिया गया था। बात 1996 की है, जब राज्य के पशुपालन विभाग में 950 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा हुआ था। उस वक्त लालू प्रसाद यादव की सरकार थी। चारा घोटाले में 3 मामले हैं और तीनों में लालू यादव आरोपी हैं।
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