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    हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई, प्रार्थियों की मेरिट लिस्ट पर आपत्ति

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 12:05 AM (IST)

    झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति की राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई हुई। मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में 252 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। राज्य सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में पद की संख्या को लेकर विरोधाभाष बताया गया है।

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    हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई हुई।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति की राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई हुई।

    लगभग पांच घंटे तक चली बहस के बाद भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। अदालत ने मामले में शुक्रवार को भी सुनवाई जारी रखने का निर्देश दिया है।

    मेरिट लिस्ट को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में 252 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और अधिवक्ता तेजस्विता सफलता ने कोर्ट के बताया कि राज्य सरकार की ओर से दाखिल शपथ पत्र में पद की संख्या को लेकर विरोधाभाष है।

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    सुप्रीम कोर्ट के सोनी कुमारी के मामले में 425 अभ्यर्थियों को नियुक्ति करने का आदेश दिया गया था। राज्य सरकार के अनुसार उसमें 377 अभ्यर्थियों ने योगदान दिया है। ऐसे में करीब एक हजार अभ्यर्थियों की सोनी कुमारी के आदेश के तहत कैसे नियुक्ति कर दी गई।

    सरकार की ओर से यह भी कहा जाना गलत है कि सुप्रीम कोर्ट ने सोनी कुमारी के मामले में नियुक्ति के लिए अनुशंसित नामों को भी प्रोटेक्ट किया गया था। प्रार्थियों का कहना था कि मेरिट लिस्ट तैयार करने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है। लिस्ट में काफी त्रुटि है।

    अदालत ने जेएसएससी के अधिकारियों को इसका सत्यापन करने का निर्देश दिया। सुनवाई के दौरान जेएसएससी के अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद रहे। इस दौरान सरकार की ओर से टेबुलर चार्ट प्रस्तुत किया गया।

    जिसमें प्रार्थियों की रिट संख्या, प्रार्थियों का नाम, विषय, कोटि, प्राप्तांक, कोटि के अनुसार अंतिम चयनित अभ्यर्थी का अंक, नियुक्ति की तिथि और सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सुरक्षित होने वाले अभ्यर्थियों की पूरी जानकारी शामिल है।

    जेएसएससी की ओर महाधिवक्ता राजीव रंजन, संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने पक्ष रखा। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट के अनुसार ही नियुक्ति की अनुशंसा की गई है।

    प्रार्थियों का यह कथन गलत है कि प्रार्थी का प्राप्तांक स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा है। सभी प्रार्थी का प्राप्तांक स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट के चयनित अंतिम अभ्यर्थी से कम है इसलिए इनकी नियुक्ति नहीं की गई है।

    बता दें कि मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई है। इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति के लिए जारी राज्यस्तरीय मेरिट में त्रुटि है। उनसे कम अंक प्राप्त करने वालों को हाईस्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गई है।