स्वास्थ्य मंत्री इरफान और उनके पिता पर किरायेदार के साथ मारपीट करने का था आरोप, कोर्ट से हुए बरी
मधुपुर में वर्ष 2015 में जबरन मकान खाली करने व किराएदार से मारपीट के आरोपित राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी और उनके पिता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को मोहित चौधरी की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने गुरुवार को समझौता और सबूत के अभाव में बरी कर दिया है। इस केस में पहले ही पीड़ित पक्ष ने अदालत से समझौता का अनुरोध किया था।

जागरण टीम, दुमका/ रांची। मधुपुर में वर्ष 2015 में जबरन मकान खाली करने व किराएदार से मारपीट के आरोपित राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डा. इरफान अंसारी और उनके पिता पूर्व सांसद फुरकान अंसारी को मोहित चौधरी की एमपी-एमएलए की विशेष अदालत ने गुरुवार को समझौता और सबूत के अभाव में बरी कर दिया है।
इस केस में पहले ही पीड़ित पक्ष ने अदालत से समझौता का अनुरोध किया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ता राजा खान ने बताया कि दस साल पहले मधुपुर के मकबूल अंसारी ने तत्कालीन विधायक इरफान अंसारी व उनके पिता पर मारपीट करने का आरोप लगाते हुए पीसीआर केस दर्ज कराया था।
मकबूल जिस मकान में किराएदार था, उसके मालिक ने वह घर विधायक इरफान अंसारी की मां को बेच दिया था। विधायक ने नियमानुसार मकान खाली करने को कहा।
कोर्ट ने समझौता के आधार पर दोनों को बरी कर दिया
इस पर पीड़ित ने झूठा आरोप लगाकर केस कर दिया। कुछ दिन पहले पीड़ित ने अदालत में समझौता का अनुरोध किया था। अदालत ने समझौता और सबूत के अभाव में दोनों को बरी कर दिया है।
वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मैंने किसी से मारपीट नहीं की। मुझ पर झूठा केस कर दिया गया। लेकिन न्यायालय पर पूर्ण आस्था थी। इसीलिए अदालत ने मुझे और मेरे पिता को पूरी तरह से बरी कर दिया।
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