वह चुपके से आता और बत्तखों को दबोच ले जाता, परेशान हो गए थे ग्रामीण, अंततः टोह लगाए युवकों ने दबोच लिया इस खतरनाक शिकारी को
वह चुपके से आता और बत्तखों को दबोचकर चला जाता था। ग्रामीण को समझ में नहीं आ रहा था कि उनके बत्तख गायब कैसे हो जा रहे हैं। कभी पड़ोसी पर शक होता तो कभी बाहरी लोगों पर। सोमवार सुबह गांव के युवकों ने आखिरकार उस चोर को पकड़ ही लिया जो लगातार चार दिनों से बत्तखों को नेवाला बना रहा था।

संवाद सूत्र, कांके (रांची)। वह चुपके से आता और बत्तखों को दबोचकर चला जाता था। ग्रामीण को समझ में नहीं आ रहा था कि उनके बत्तख गायब कैसे हो जा रहे हैं।
कभी पड़ोसी पर शक होता तो कभी बाहरी लोगों पर। उधेड़बुन में बत्तख पालक को आर्थिक रूप से तो नुकसान हो ही रहा था, मानसिक तौर पर भी परेशान था।
सोमवार सुबह गांव के युवकों ने आखिरकार उस चोर को पकड़ ही लिया जो लगातार चार दिनों से बत्तखों को नेवाला बना रहा था।
घटना कांके प्रखंड के गारु गांव की है। नदी किनारे एक विशालकाय अजगर रह रहा था। वही चार दिनों से गांव के बत्तखों को निगल रहा था।
सोमवार सुबह उसने फिर एक बत्तख को दबोच लिया और नदी किनारे लिपटकर बैठ गया। युवकों की नजर उस पर पड़ी। शोरगुल किया। गांव के सैकड़ों लोग मौके पर जमा हो गए।
लेकिन अजगर को देखकर ज्यादातर लोग सहमे हुए थे। कुछ युवकों ने साहस दिखाया। करीब 15 फीट लंबे इस अजगर को पकड़ लिया। उनकी हिम्मत और सूझबूझ देखकर भीड़ ने तालियां बजाईं। घटना स्थल पर रोमांच और भय का अनोखा मिश्रण देखने को मिला।
ग्रामीणों ने वन विभाग को सूचना दी। वन विभाग की टीम गांव पहुंची और अजगर को सुरक्षित अपने कब्जे में ले लिया। वन विभाग के अधिकारी घनश्याम महतो ने युवकों की सराहना करते हुए बताया कि अजगर पूरी तरह स्वस्थ है।
वनकर्मी उसे अपने साथ लेते गए और उसके प्राकृतिक आवास अर्थात जंगल में छोड़ दिया। छोड़ने के बाद वनकर्मियों ने अजगर की वीडियो भी बनाई।
विशाल और शक्तिशाली सांप होता है अजगर
अजगर साप (Python Snake) विज्ञानिक नाम Pythonidae एक विशाल और शक्तिशाली सांप होता है। यह बिना जहर वाले सांपों के समूह में आता है, लेकिन अपनी ताकत और शिकार करने की विशेष शैली के लिए प्रसिद्ध है।
अजगर अधिकतर गर्म और आर्द्र इलाकों को पसंद करते हैं और मुख्यतः जंगलों, घने बाग-बगीचे, दलदली इलाकों, नदी किनारे और घास के मैदानों में रहना पसंद करते हैं।
अजगर कैसे करता है शिकार
अजगर शिकार को मारने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करता है, न कि जहर का। वह कुंडली मारकर शिकार का पीछा करता है और इसे पकड़ता है। जब अजगर शिकार को अपने आस-पास पाता है, तो वह अपनी पूरी ताकत से शिकार को घेरकर, लपेटकर और फिर कुचालकर मार देता है।
यह प्रक्रिया आमतौर पर कॉन्स्ट्रिक्शन (संकुचन) के नाम से जानी जाती है, जहां अजगर शिकार के शरीर को लपेटकर उसे सांस लेने से रोकता है। शिकार के दम तोड़ने के बाद अजगर उसे पूरा निगल जाता है। एक बार में ही बहुत बड़े शिकार को भी निगल सकता है, जैसे मृग, बंदर, पक्षी और छोटे स्तनधारी।
अजगर की पहचान कैसे करें
अजगर की पहचान मुख्यतः उसकी विशेषताओं और आकार से की जाती है। यहां कुछ प्रमुख लक्षण दिए गए हैं:
आकार : अजगर के शरीर की लंबाई बहुत लंबी हो सकती है। कुछ प्रजातियां 10 मीटर तक लंबी हो सकती हैं, जबकि सामान्यतः यह 3 से 6 मीटर लंबाई में पाए जाते हैं।
खास शारीरिक लक्षण : अजगर का शरीर मोटा और भारी होता है। उसके शरीर पर विभिन्न रंगों के धब्बे (spots) या धारियां (stripes) होती हैं, जो उसे आसपास के पर्यावरण से मिलाने में मदद करती हैं। उदाहरण के लिए, बर्मीज अजगर की त्वचा पर पीले और हरे रंग के पैटर्न होते हैं।
आंखें : अजगर की आंखें आमतौर पर छोटी और चमकदार होती हैं। यह रात में शिकार करने के लिए बेहतर दृष्टि प्रदान करती हैं।
चेहरा और मुख : अजगर के मुंह में शक्तिशाली दांत होते हैं, लेकिन यह जहर के बिना शिकार को सिर्फ पकड़ने के काम में लाता है।
विशेष अंग : अजगर के शरीर में खाली बचे हुए अंग (Vestigial limbs) होते हैं, जो एक समय में उसके पूर्वजों के पैर हुआ करते थे। यह उसे पहचानने में मदद कर सकते हैं।
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