Hazaribagh Crime: विनय कुमार सिंह को सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत, वन भूमि को निजी हाथों में बेचने में सरकारी अधिकारियों की सांठगांठ का आरोप
विनय कुमार सिंह को वन भूमि को निजी हाथों में बेचने के मामले में सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। उन पर सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर वन भूमि को ...और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन घोटाला से जुड़ा मामला में आरोपित विनय कुमार सिंह को अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची । सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन घोटाला से जुड़ा मामला में आरोपित विनय कुमार सिंह को अंतरिम जमानत देने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजरिया की पीठ ने याचिकाकर्ता विनय कुमार सिंह को अंतरिम जमानत दी है।
इन पर वन भूमि को निजी हाथों में बेचने में सरकारी अधिकारियों की सांठगांठ का आरोप था। याचिकाकर्ता विनय कुमार सिंह पर आरोप है कि उन्होंने खाता नंबर 95, प्लाट नंबर 848 का राजस्व रिकार्ड अपने नाम करवा लिया, जबकि जमीन गैर मजरुआ खास/वन भूमि थी।
पुलिस का आरोप है कि संबंधित सर्कल अधिकारी, इंस्पेक्टर, राजस्व अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे और उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया। सुनवाई के दौरान विनय कुमार सिंह का दावा है कि उन्होंने यह ज़मीन 10 फरवरी 2010 को एक पंजीकृत बिक्री दस्तावेज के माध्यम से खरीदी थी।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस तथ्य पर गौर किया कि बिक्री दस्तावेज़ वर्ष 2010 में पंजीकृत हुआ था, जबकि शिकायतकर्ता का बयान सितंबर 2025 में दर्ज किया गया और वर्तमान में प्राथमिकी दर्ज की गई।
राज्य की ओर से वरीय वकील मुकुल रोहतगी ने जमानत का विरोध किया था। उन्होंने कहा कि यह राज्य के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी जमीन बेचने का एक बड़ा घोटाला है और याचिकाकर्ता उसी का हिस्सा है, इसलिए उसे जमानत नहीं मिलनी चाहिए।
अदालत ने अपना आदेश तत्काल हजारीबाग के एसीबी जांच अधिकारी को भेजने के लिए कहा है। मामले में राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करने को कहा गया है। मामले में अगली सुनवाई 21 जनवरी को होगी।

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