Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    झारखंड के कॉलेज-यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी! इस काम के लिए अब मिलेंगे तीन से पांच लाख रुपये

    शिक्षक अनुदान के लिए आवेदन अपने कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से विश्वविद्यालय को भेजेंगे। संबंधित विश्वविद्यालय आवेदन की जांच तथा शोध के विषय का आकलन कर अनुदान की राशि स्वीकृत करेंगे। अनुदान की राशि दो साल के लिए रेकरिंग तथा नन रेकरिंग मद में स्वीकृत की जाएगी। रेकरिंग मद में राशि यात्रा क्षेत्र भ्रमण आदि के लिए तीन किस्त में दी जाएंगी।

    By Neeraj Ambastha Edited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 21 Jan 2024 08:03 PM (IST)
    Hero Image
    झारखंड के कॉलेज-यूनिवर्सिटी के शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी!

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के विश्वविद्यालयों एवं कालेजों में कार्यरत शिक्षकों को शोध के लिए तीन लाख से पांच लाख रुपये तक अनुदान मिलेगा। विज्ञान संकाय में अनुदान के लिए पांच लाख रुपये की सहायता मिलेगी। इसी तरह, कला, मानविकी, सामाजिक विज्ञान, भाषा, साहित्य, विधि आदि में शोध के लिए यह राशि तीन लाख रुपये होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने शोध के लिए अनुदान को लेकर एसओपी तैयार कर लिया है। इसमें शोध के लिए आवेदन से लेकर अनुदान की विभिन्न प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लेख कर दिया गया है।

    इसके तहत शिक्षक अनुदान के लिए आवेदन अपने कॉलेज के प्राचार्य के माध्यम से विश्वविद्यालय को भेजेंगे। संबंधित विश्वविद्यालय आवेदन की जांच तथा शोध के विषय का आकलन कर अनुदान की राशि स्वीकृत करेंगे। अनुदान की राशि दो वर्ष के लिए रेकरिंग तथा नन रेकरिंग मद में स्वीकृत की जाएगी। रेकरिंग मद में राशि यात्रा, क्षेत्र भ्रमण आदि के लिए तीन किस्त में दी जाएंगी।

    इस मद की पहली किस्त के रूप में 50 प्रतिशत राशि दी जाएगी। यह राशि खर्च होने तथा इसका उपयोगिता प्रमाणपत्र देने पर इस मद की 40 प्रतिशत राशि मिलेगी। शोध जमा होने पर शेष 10 प्रतिशत राशि का भुगतान होगा। जबकि नन रेकरिंग (उपकरण, किताब एवं जर्नल) मद की 100 प्रतिशत राशि एकमुश्त मिलेगी।

    शिक्षकों को शोध के लिए अनुदान क्यों

    शिक्षकों को शोध के लिए अनुदान देने का प्रमुख कारण है कि यूजीसी ने कुछ वर्षों से शोध के लिए अनुदान देना बंद कर दिया है। इससे यह बात सामने आई है कि राज्य में शोध की संख्या में कमी आई है। साथ ही इसका असर नैक ग्रेडिंग तथा एनआइआरएफ रैंकिंग पर पड़ा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में भी शोध पर दिया गया है।

    कमेटी करेगी शोध का मूल्यांकन

    शिक्षकों द्वारा किए जानेवाले शोध की निगरानी संबंधित विश्वविद्यालय द्वारा की जाएगी। शोध के मूल्यांकन के लिए विश्वविद्यालय द्वारा कमेटी भी गठित की जाएगी। विश्वविद्यालय द्वारा मूल्यांकन के बाद शोध उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग को भेजा जाएगा। इससे पहले शोध के लिए चयनित होनेवाले प्रोजेक्ट की जानकारी विश्वविद्यालय अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक करेंगे।

    ये भी पढ़ें: शाहरुख, आमिर व सलमान को क्यों नहीं मिला राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता? हेमंत के विधायक ने सरकार पर निकाली भड़ास

    ये भी पढ़ें: Lok Sabha Election 2024: 2 फरवरी को JMM फूंकेगा चुनावी बिगुल, पार्टी की बैठक में किया एलान; इस रणनीति से आगे बढ़ने की तैयारी