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    Hemant Cabinet: विश्विविद्यालयों में सरकार करेगी कुलपतियों की नियुक्ति, राज्य विवि सेवा आयोग भी बनेगा

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 02:16 PM (IST)

    झारखंड कैबिनेट की बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए। इसके तहत राज्यपाल के अधिकारों में कटौती करते हुए विश्वविद्यालयों में नियुक्ति का पूरा अधिकार अब राज्य सरकार के पास होगा।हालांकि राज्यपाल शैक्षणिक कार्यों के लिए कुलाधिपति बने रहेंगे। झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक - 2025 के लागू होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेगा।

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    विश्वविद्यालयों में अब राज्य सरकार करेगी वीसी, प्रोवीसी की नियुक्ति।

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड के विश्वविद्यालयों में नियुक्ति का पूरा अधिकार अब राज्य सरकार के पास होगा। राज्य मंत्रिपरिषद ने झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक-2025 को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

    इस विधेयक के लागू होने के बाद से विश्वविद्यालयों में नियुक्तियाें से संबंधित राज्यपाल के अधिकार सीमित हो जाएंगे। हालांकि वे शैक्षणिक कार्यों के लिए कुलाधिपति बने रहेंगे।

    अब एक अधिनियम (सिंगल अंब्रेला एक्ट) से राज्य के सभी 13 विश्वविद्यालयों में नियुक्तियां होंगी। नई व्यवस्था में कुलपति, प्रतिकुलपति और वित्तीय सलाहकार की नियुक्ति अब राज्य सरकार करेगी।

    दूसरी ओर, झारखंड राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग की स्थापना की जाएगी, जिसके माध्यम से कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक, वित्त अधिकारी, शिक्षक, शिक्षकेतर कर्मी और प्राचार्यों की नियुक्ति होगी।

    पहले ये नियुक्तियां जेपीएससी के माध्यम से की जाती थी। इसके साथ ही गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में 21 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

    झारखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक - 2025 के लागू होने से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन देखने को मिलेगा। इसके लागू होने के बाद से राज्य के सभी विश्वविद्यालय में एक समान नीतियां एवं संरचनाएं लागू की जाएंगी। ई-लर्निंग, आनलाइन शिक्षा तथा डिजिटल प्रशासन को विशेष बल मिलेगा।

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    उद्योग-अकादमिक सहयोग, अनुसंधान, नवाचार, स्टार्टअप को बढ़ावा मिलने के साथ ही पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित होगी। इसके साथ ही विश्वविद्यालय, विभागों एवं अधीनस्थ महाविद्यालयों के लिए शैक्षणिक व अशैक्षणिक पदों के सृजन की शक्ति केवल राज्य सरकार के पास होगी।

    सीनेट की अध्यक्षता प्रो-कुलपति तथा सिंडिकेट की अध्यक्षता कुलपति द्वारा की जाएगी। विश्वविद्यालय स्तर पर शिकायतों की सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश अथवा कम से कम दस वर्ष अनुभव रखनेवाले अधिवक्ता की अध्यक्षता में कर्मचारी शिकायय समिति बनेगी।

    राज्य के प्रारंभिक विद्यालयों में उर्दू सहायक शिक्षकों के पूर्व से सृजित 3712 पदों का प्रत्यर्पण करते हुए प्रथम चरण में उर्दू के लिए इंटरमीडिएट प्रशिक्षित सहायक आचार्य के 3287 पद तथा मध्य विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित सहायक आचार्य के 1052 पद कुल 4339 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है।

    दूसरी ओर, उग्रवादी घटनाओं अथवा राष्ट्र की सीमा के रक्षार्थ कर्तव्य निर्वहन के क्रम में वीरगति को प्राप्त होने वाले राज्य निवासी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों में कार्यरत कर्मियों के आश्रित को विशेष अनुग्रह अनुदान एवं अनुकंपा के आधार पर सरकारी सेवा में नियुक्ति प्रदान करने स्वीकृति दी गई।

    अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम अब मदर टेरेसा हेल्थ क्लिनिक

    राज्य योजना अन्तर्गत संचालित अटल मोहल्ला क्लीनिक का नाम परिवर्तित कर मदर टेरेसा एडवांस हेल्थ क्लीनिक करने की स्वीकृति दी गई है। यह व्यवस्था शीघ्र प्रभाव से लागू होगी। यह क्लीनिक झुग्गी-झोपड़ी में चलाया जाता है। राज्य भर में इसकी संख्या 140 है।

    यहां नियमित डाक्टर की तैनाती होती है। क्लीनिक सुबह आठ से 12 बजे तक और शाम में चार बजे से रात आठ बजे तक संचालित होती है। क्लीनिक में सामान्य जांच और बीमारी का उपचार होता है।

    उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली के तहत प्रकाशित विज्ञापन रद 

    राज्य कैबिनेट ने उत्पाद सिपाही भर्ती नियमावली के गठन के उपरांत पूर्व के प्रकाशित विज्ञापनों को रद करने की अनुशंसा की है। अब रावज्य के पुलिस, कक्षपाल, सिपाही (गृह रक्षा वाहिनी) उत्पाद सिपाही संयुक्त भर्ती नियमावली, 2025 गठन के उपरांत पुलिस के पूर्व से प्रकाशित विज्ञापन को रद करने, भविष्य की नियुक्ति में पूर्व के आवेदकों को शुल्क भुगतान में छूट देने, सभी कोटि के आवेदकों को अधिकतम उम्र सीमा में छूट एवं अन्य बिंदुओं पर निर्णय लिए जाने की स्वीकृति दी गई है।

    कैबिनेट के अन्य फैसले

    • नियंत्रक महालेखापरीक्षक का मार्च, 2023 को समाप्त हुए अवधि के लिए प्रतिवेदन को विधानसभा के पटल पर आगामी सत्र में उपस्थापन की स्वीकृति।
    • 30 जून/31 दिसंबर को सेवानिवृत होने वाले कर्मियों के सेवानिवृत्ति लाभों की गणना के लिए हेतु काल्पनिक वेतनवृद्धि की गणना सिर्फ पेंशन निर्धारण के लिए मान्य।