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    Jharkhand News: वन क्षेत्र में खनन के लिए संतुलित नीति बनाएगी हेमंत सरकार, दो विभागों से मांगी गई रिपोर्ट

    Updated: Wed, 14 May 2025 06:58 PM (IST)

    राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस के बाद खनन और वन क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधि के बीच संतुलन बनाने के लिए समन्वय का काम शुरू किया है। मुख्य स ...और पढ़ें

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    झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन। फाइल फ़ोटो

    राज्य ब्यूरो, रांची। खनन से मिलने वाले राजस्व और वन क्षेत्र में औद्योगिक गतिविधि से होने वाले पर्यावरण के नुकसान पर संतुलन बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइंस के बाद राज्य सरकार ने समन्वय का काम प्रारंभ किया है।

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    मुख्य सचिव अलका तिवारी ने वन एवं पर्यावरण विभाग और खान विभाग को मौजूदा और भविष्य की परियोजनाओं की समीक्षा करने को कहा है।

    सारंडा के लौह अयस्क खनन क्षेत्र और वन क्षेत्र के बीच स्थिति स्पष्ट नहीं रहने पर भी मुख्य सचिव ने कमेटी की गठन कर दोनों संबंधित विभाग से रिपोर्ट की मांग की है।

    सुप्रीम कोर्ट ने वन क्षेत्र में बनने वाले रिजर्व सेंचुरी के लिए किसी भी तरह के खनन गतिविधि से पड़ने वाले प्रभाव पर राज्य सरकार से संशोधित रिपोर्ट की मांग की है। लौह के अलावा कोल खनन क्षेत्र में भी वन क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए राज्य सरकार ने प्रतिबद्धता दिखाई है।

    माइनिंग क्षेत्र में नुकसान नहीं करने का सुझाव

    राज्य सरकार ने वन क्षेत्र में खनन की स्थिति में पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी है। लेकिन इस वजह से राजस्व पर असर नहीं हो, इसके लिए संबंधित कमेटी को स्थल का अध्ययन करने को कहा है।

    राज्य के वन क्षेत्र के आसपास सरकारी और निजी दोनों तरह की खनन परियोजनाएं संचालित होती हैं। इससे मिलने वाले राजस्व का बड़ा हिस्सा राज्य सरकार को मिलता है।

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