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    JSSC CGL पेपर लीक मामले में सरकार ने रक्षा पक्ष, हाई कोर्ट में चल रही सुनवाई

    Updated: Tue, 16 Sep 2025 07:00 PM (IST)

    झारखंड हाई में JSSCके सीजीएल पेपर लीक मामले की जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई जारी रही। सरकार की ओर से अब तक की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में प्रस्तुत की गई। परीक्षा में शामिल कुछ अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन और अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा ।

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    जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई जारी

    राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ में JSSCके सीजीएल पेपर लीक मामले की जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई जारी रही। बुधवार को भी मामले में सुनवाई होगी।

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    इस दौरान सरकार की ओर से अब तक की जांच रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट में प्रस्तुत की गई। परीक्षा में शामिल कुछ अभ्यर्थियों की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन और अमृतांश वत्स ने पक्ष रखा।

    परिमाण को इतने अधिक दिनों तक रोका जाना उचित नहीं

    उन्होंने अदालत को सुप्रीम कोर्ट के नीट मामले में दिए आदेश का हवाला देते हुए कहा कि परीक्षा के परिमाण को इतने अधिक दिनों तक रोका जाना उचित नहीं है।

    उन्होंने अदालत से आग्रह किया कि मामले की जांच जारी रखते हुए परिणाम जारी करने की अनुमति दी जाए। कोर्ट के अंतिम आदेश से परिणाम प्रभावित होने की व्यवस्था की जा सकती है।

    क्योंकि जांच कब तक चलेगी, इसकी कोई अवधि निर्धारित नहीं है। वर्ष 2016 के बाद से राज्य में कोई नियुक्ति नहीं हुई है। ऐसे में परिणाम पर रोक को हटाई जाए। प्रार्थियों की ओर से विरोध किया गया।

    उनका कहना था कि परीक्षा में पेपर लीक हुआ है। इसकी सीबीआइ से जांच की जानी चाहिए। जबकि सरकार की ओर से कहा गया कि पेपर लीक नहीं हुआ है।

    महाधिवक्ता ने कहा - एसआइटी कर रही काम

    प्रार्थियों की ओर से जो तस्वीर पेश की जा रही है वह परीक्षा के बाद का है। महाधिवक्ता ने कहा कि जांच की स्क्रूटनी करने के लिए तीन अधिकारियों की एक एसआइटी का गठन किया गया है।

    एसआइटी कोर्ट को रिपोर्ट सौंपेगी। प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार और समीर रंजन ने कहा कि सरकार दोषियों को बचाने का प्रयास कर रही है।

    जब्त मोबाइल में रिकार्ड किए गए प्रश्न पहले ही उपलब्ध थे, जो परीक्षा प्रश्नपत्र से मेल खाते हैं। इसके अलावा फारेंसिक जांच में कहा गया है कि मोबाइल से छेड़छाड़ नहीं की गई है।

    सीआइडी कर रही है सीजीएल परीक्षा मामले की जांच

    इसके अलावा सार्वजनिक नोटिस के बाद भी कई अभ्यर्थियों पेपर लीक होने का बयान दिया है। इससे स्पष्ट है कि पेपर लीक हुआ है। पिछली सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया था कि जेएसएससी सीजीएल परीक्षा मामले की जांच सीआइडी कर रही है।

    सीजीएल परीक्षा-2023 में गड़बड़ी के आरोप में सीआइडी ने दो केस दर्ज किए हैं। पहला केस रांची पुलिस से टेकओवर करने के बाद दर्ज किया गया है, जो रातू थाने में दर्ज हुआ था।

    दूसरा केस जेएसएससी की शिकायत पर दर्ज किया गया है। इस संबंध में प्रकाश कुमार व अन्य की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की गई है। जिसमें पूरे मामले की सीबीआइ जांच की मांग की गई है।