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    खुशखबरी! शीघ्र मिलेगा MNREGA का लंबित भुगतान, 370 करोड़ रुपये की किस्त सरकार को मिली

    Updated: Tue, 22 Jul 2025 04:53 PM (IST)

    मनरेगा के तहत सामग्री मद में करोड़ों रुपये बकाया होने के कारण भुगतान में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जिसका निदान कर लिया गया है। झारखंड सरकार को केंद्र से बकाया मद में 370 करोड़ रुपये मिले हैं जिसका आवंटन अब सभी जिलों को किया जा रहा है।

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    मनरेगा का लंबित भुगतान शीघ्र कर दिया जाएगा।

    राज्य ब्यूरो, रांची । MNREGA के तहत सामग्री मद में करोड़ों रुपये बकाया होने के कारण भुगतान में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था जिसका निदान कर लिया गया है। राज्य सरकार को केंद्र से बकाया मद में 370 करोड़ रुपये मिले हैं जिसका आवंटन अब जिलों को किया जा रहा है।

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    फिलहाल फंड ट्रांसफर का ट्रायल किया जा रहा है। कुछ दिनों में सभी जिलों तक बकाया राशि से संबंधित आवंटन पहुंच जाएगा। इसके साथ ही कर्मियों को भुगतान भी मिलने लगा है।

    ज्ञात हो कि कई कर्मियों को छह माह से मानदेय नहीं मिल रहा था। कर्मियों को राशि नहीं मिलने के पीछे साफ्टवेयर से संबंधित मामले भी रहे हैं। Finance Department के सहयोग से एसएनए स्पर्श की तकनीकी खामियों को दूर किया जा रहा है।

    झारखंड के कर्मियों और आपूर्तिकर्ताओं को पिछले कई महीनों से मनरेगा के तहत किए गए कार्यों के एवज में भुगतान नहीं मिल रहा है। आपूर्तिकर्ताओं और कर्मियों की पारिश्रमिक को मिला दिया जाए तो लगभग 800 करोड़ रुपये बकाया है।

    इस बकाया को पाने के लिए प्रदेश की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह और विभाग के कई अधिकारी पिछले दिनों नई दिल्ली में केंद्रीय ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों से मिलने पहुंचे थे और इस मुलाकात का असर दिखने लगा है।

    सूत्रों की मानें तो झारखंड की समस्या का समाधान भी निकल आया है। पहली किस्त मिलने के बाद कर्मियों को भुगतान किया जाने लगा है। मनरेगा आयुक्त मृत्युंजय वर्णवाल ने बताया कि ट्रायल शुरू हो चुका है और कुछ ही दिनों में सभी जिलों को राशि का आवंटन कर दिया जाएगा।

    बकाया राशि की पहली किस्त मिली है, आगे भी आवश्कता होगी तो केंद्रीय मंत्री से मिलकर समाधान निकाला जाएगा। अधिकारियों को बकाया भुगतान त्वरित गति से करने के लिए कहा गया है।

    दीपिका पांडेय सिंह, मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग।