गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की मिली प्रशासनिक स्वीकृति, 244.73 करोड़ रुपये होंगे खर्च
सरकार ने गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना को मंजूरी दी है जिसके निर्माण पर 244.73 करोड़ रुपये खर्च होंगे। जरीडीह में 35 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है जहाँ विभिन्न ब्लॉक और छात्रावास बनेंगे। बीआईटी सिंदरी ने प्राक्कलन को मंजूरी दी है और कॉलेज का संचालन राज्य सरकार करेगी। रांची खूंटी और साहिबगंज में भी ऐसे कॉलेज खुलने की योजना है जिससे राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या बढ़ेगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दी है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग ने इसे लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। स्वीकृत योजना के तहत गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण 244.73 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इंजीनियरिंग कॉलेज के भवन निर्माण के लिए टेंडर आयोजित करने की जिम्मेदारी झारखंड भवन निर्माण कारपोरेशन को दी गई है।
गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना के लिए सदर अंचल के जरीडीह में 35 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई है। इंजीनियरिंग कॉलेज में दो एकेडमिक ब्लाक, एक एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लाक, एक ऑडिटोरियम ब्लॉक, दो-दो बालकों एवं बालिकाओं के लिए छात्रावास, इनडोर स्टेडियम, टीचिंग एवं नन टीचिंग स्टाफ क्वार्टर, प्राचार्य आवास, कैंटीन आदि का निर्माण होगा।
इसके निर्माण के लिए झारखंड भवन निर्माण कारपोरेशन ने ही प्राक्कलन तैयार किया है। इस प्राक्कलन पर बीआइटी सिंदरी से वेटिंग कराया गया, जिसमें संस्थान ने प्राक्कलन को एआइसीटीई के मानकों के अनुरूप पाया।
सरकार स्वयं चलाएगी इंजीनियरिंग कॉलेज
गिरिडीह में इंजीनियरिंग कॉलेज का निर्माण वर्ष 2027-28 में पूरा होगा। इसका संचालन स्वयं राज्य सरकार करेगी। इसके लिए शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक पदों का सृजन विभाग द्वारा किया जाएगा।
रांची, खूंटी तथा साहिबगंज में भी इंजीनियरिंग कॉलेज
राज्य सरकार की योजना के तहत रांची, खूंटी तथा साहिबगंज में भी इंजीनियरिंग कॉलेज की स्थापना की जानी है। इनके लिए भी प्रशासनिक स्वीकृति देने की तैयारी चल रही है।
बता दें कि वर्तमान में झारखंड में सरकारी क्षेत्र में दो इंजीनियरिंग कॉलेज बीआईटी सिंदरी और पलामू इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित है, जबकि तीन इंजीनियरिंग कॉलेज रामगढ़, दुमका तथा चाईबासा में पीपीपी मोड में संचालित हो रहे हैं।
इन इंजीनियरिंग कॉलेजों की स्थापना होने से झारखंड में सरकारी क्षेत्र में इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या छह हो जाएगी।
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