Ghatshila by election में बांग्लाभाषी मतदाताओं को साधने के लिए भाजपा ने बनाई रणनीति, प्रचार में उतरेंगे ये दिग्गज
घाटशिला उपचुनाव में भाजपा ने बांग्लाभाषी मतदाताओं को लुभाने के लिए रणनीति बनाई है। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता चुनाव प्रचार में शामिल होंगे और मतदाताओं को भाजपा के समर्थन में वोट करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। भाजपा स्थानीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगी और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करेगी।

राज्य ब्यूरो, रांची। घाटशिला में होने वाले उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के पक्ष में चुनाव प्रचार करने के लिए बंगाल से पार्टी नेता भी आएंगे। बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का घाटशिला में प्रचार का कार्यक्रम बन रहा है।
पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में भी कोल्हान की कई सीटों पर सुवेंदु अधिकारी चुनाव प्रचार करने पहुंचे थे। घाटशिला की सीमा बंगाल से सटती है। इस वजह से यहां बड़ी संख्या में बांग्लाभाषी समुदाय के लोग रहते हैं।
इसी वजह से पार्टी ने बंगाल के नेताओं से संपर्क कर उन्हें चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित किया है। बंगाल भाजपा अपने कुछ विधायकों को भी घाटशिला भेजने की तैयारी में है।
उपचुनाव की तैयारियों को गति देने और प्रचार अभियान का नेतृत्व करने के लिए झारखंड भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष आदित्य साहू अब वहीं कैंप करेंगे।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का भी हो सकता है कार्यक्रम
घाटशिला आदिवाली बहुल सीट है। यहां 45 प्रतिशत आबादी आदिवासी समुदाय की है। भाजपा ने पड़ोसी राज्य ओडिशा और छत्तीसगढ़ में आदिवासी मुख्यमंत्री बनाया है।
आदिवासी समुदाय के बीच जनसमर्थन पाने के लिए दोनों ही राज्यों के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार में घाटशिला आ सकते हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण मांझी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय क भाजपा ने घाटशिला उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया है। बांग्लाभाषी और आदिवासी समुदाय के बीच पार्टी उन्हीं के बीच के नेता को लाकर समर्थन की उम्मीद कर रही है।
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