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    घाटशिला उपचुनाव: पहले प्रत्याशी बदलने की अटकलें, अब जयराम को मंत्री बनाने के कयास

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 03:56 PM (IST)

    घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में सियासी अटकलें तेज हैं। झामुमो ने रामदास सोरेन के पुत्र सोमेश को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने बाबूलाल सोरेन को। जेएलकेएम के जयराम महतो की उम्मीदवारी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है। जयराम को मंत्री बनाने की अटकलों को भाजपा-आजसू की साजिश बताया जा रहा है।

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    जयराम महतो

    राज्य ब्यूरो, रांची। घाटशिला विधानसभा उपचुनाव एक बार फिर सियासी अटकलों का अखाड़ा बन गया है। पूर्वी सिंहभूम जिले की इस एसटी आरक्षित सीट पर 11 नवंबर को होने वाले मतदान ने न केवल स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है, बल्कि राज्य में सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की प्रतिष्ठा का भी सवाल है।

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    शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर झामुमो ने उनके पुत्र सोमेश सोरेन को मैदान में उतारा है, जबकि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चम्पाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन को, लेकिन असली ट्विस्ट तीसरे खेमे से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) की उम्मीदवारी से आया है। फायरब्रांड नेता टाइगर जयराम कुमार महतो की पार्टी की मौजूदगी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है।

    दरअसल उपचुनाव की सरगर्मी शुरू होते ही सियासी दलों ने हर संभव नुस्खा आजमाना शुरू कर दिया। शुरुआत रामदास सोरेन के परिवार को लेकर फैलाई गई अफवाहों से हुई। रामदास सोरेन के पुत्र, पत्नी या अन्य परिजनों को टिकट मिलने की कयास लगाई गईं, जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी।

    सोमेश सोरेन के नाम पर आरंभ से ही सहमति थी। झामुमो की केंद्रीय समिति ने भी अंतत: इसपर सहमति जताई। 15 अक्टूबर को औपचारिक घोषणा होते ही नाम को लेकर अफवाहें थम गईं।

    अब नया मोड़ जेएलकेएम प्रमुख जयराम महतो को लेकर आया है। कयास लगाया जा रहा है कि जयराम को हेमंत सरकार में मंत्री बनाया जा सकता है। जिसे उपचुनाव में जेएलकेएम की मौजूदगी के असर को कम करने की चाल बताया रहा है।

    उल्लेखनीय है कि 2024 के विधानसभा चुनाव में जयराम ने कुड़मी युवाओं के बीच अपनी लोकप्रियता से भाजपा-आजसू गठबंधन को भारी नुकसान पहुंचाया था। आजसू प्रमुख सुदेश महतो सिल्ली से चुनाव हार गए थे।

    जेएलकेएम महासचिव और घाटशिला चुनाव के मुख्य संयोजक देवेंद्रनाथ महतो ने इसे भाजपा-आजसू की साजिश करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह अफवाहें भ्रम फैलाने के लिए हैं। जयराम सरकार में शामिल नहीं होंगे। हम पूरे दमखम से उपचुनाव लड़ रहे हैं। हमारी पार्टी की छवि को धूमिल करने की कोशिशें विफल होगी।