Updated: Fri, 09 Feb 2024 12:56 PM (IST)
क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर 63.98 लाख की ठगी करने वाले दो साइबर अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए है। CID की साइबर क्राइम थाना की पुलिस ने दोनों को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया है। इन पर महाराष्ट्र तमिलनाडु बंगाल गुजरात हरियाणा दिल्ली और उत्तर प्रदेश में 77 मामले हैं। इनके खाते में 88 लाख रुपये फ्रीज कराए गए हैं।
राज्य ब्यूरो, रांची। अपराध अनुसंधान विभाग के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर ठगी करने वाले दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इन पर रांची की एक महिला से 63.98 लाख रुपये की ठगी का आरोप है। गिरफ्तार साइबर अपराधियों में उत्तर प्रदेश लखनऊ का रहने वाला राहुल त्रिपाठी और देव प्रकाश शामिल हैं।
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पुलिस ने की इन चीजों की बरामदगी
साइबर थाना की पुलिस ने इन दोनों के पास से दो मोबाइल, चार सिम, एक आधार, एक पैनकार्ड, एक चेकबुक, एक एटीएम और अभियुक्त के मोबाइल में कांड में हुए ट्रांजेक्शन के साक्ष्य को जब्त किया है। वहीं इन दोनों अभियुक्तों के जिन-जिन बैंक खातों में ट्रांजेक्शन किया गया था उन सभी खातों में कुल 88 लाख 93 हजार 37 रुपये को फ्रीज करवा दिया गया है।
दोनों ने की करोड़ों रुपयों की हेराफेरी
साइबर थाना की पुलिस को जांच में पता चला कि गिरफ्तार दोनों अभियुक्तों के दो बैंक खाते में 34.73 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। आइसीआइसीआइ बैंक के एक खाते में एक साल में कुल 33.38 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है।
इस पर महाराष्ट्र, तमिलनाडू, गुजरात, हरियाणा में कुल 38 शिकायते दर्ज हैं। वहीं इसी बैंक के एक अन्य खाते में 1.35 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है। जिस पर महाराष्ट्र, तमिलनाडू, बंगाल, गुजरात, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में कुल 39 शिकायते दर्ज हैं।
पार्ट टाइम जाॅब के नाम पर लिया झांसे में लिया
पुलिस के अनुसार, साइबर अपराधियों ने पहले लूडो और फिशडम को लाइक कर स्क्रीन शाॅट भेजने का पार्ट टाइम जाॅब का ऑफर पीड़िता को दिया। इसके बाद टेलीग्राम प्रोफाइल पर रजिस्टर कर वीडियो लाइक करने का काम दिया।
टेलीग्राम प्रोफाइल के माध्यम से दिए गए टास्क को करने के लिए इन्हें विभिन्न बैंक खातों में पैसे डालने को बोला गया। फिर साइबर अपराधियों ने पीड़िता को कहा कि आपका पैसा क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर दिया जाएगा। इससे मिलने वाले लाभ को ग्लोबल कंपनी के साइट पर दिखाया जाएगा।
पीड़िता इनके झांसे में आती चली गई। इसके बाद पीड़िता को इन अपराधियों ने निवेश किए हुए पैसे फर्जी वेबसाइट में दिखाया, ताकि उन्हें सच लगे कि उनके पैसे का निवेश किया गया है और वह बढ़ने लगा है।
पीड़िता को विश्वास में लेने के लिए साइबर अपराधियों ने कुछ पैसे भी उनके खाते में डाले, ताकि उन्हें पूरा विश्वास हो जाए। इसके बाद पीड़िता ने इन्हें कुल 63 लाख 98 लाख 824 रुपये दे दिए। जिसे इन साइबर अपराधियों ने ठग लिया।
फर्जी कंपनी के नाम पर खाते, हांगकांग व चीन में मिला IP एड्रेस
साइबर थाना की पुलिस ने जिन खातों में लेन-देन हुआ था, उनकी जांच की तो सभी बैंक खाते फर्जी कंपनी के नाम पर पंजीकृत मिले।
जांच में यह भी पता चला कि बैंक खातों से हुए ट्रांजेक्शन के आईपी यूजर का मूल स्थान हांगकांग व चीन है। इन पर त्वरित कार्रवाई की गई और बैंक खाते को फ्रीज करवाया गया। इन खातों में कुल 88 लाख 93 हजार 37 रुपये फ्रीज करवाए गए हैं।
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