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    Jharkhand Crime News: रिश्तेदारों ने ही मार डाला, पीएलएफआइ के पूर्व उग्रवादी हत्याकांड का खुलासा

    Updated: Wed, 09 Jul 2025 02:16 PM (IST)

    लोहरदगा जिले के भक्सो निवासी पीएलएफआइ के पूर्व उग्रवादी संजय भगत की हत्या के मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। हत्या में शामिल मृतक के चचरे भाई और चचेरी बहन सहित आधा दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। मंगलवार को उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।

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    लोहरदगा पुलिस ने पीएलएफआइ के पूर्व उग्रवादी संजय भगत की हत्या मामले आधा दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार किया है।

    जागरण संवाददाता, लोहरदगा । Jharkhand Crime लोहरदगा थाना क्षेत्र के भक्सो हर्रा टोली निवासी पीएलएफआइ के पूर्व उग्रवादी संजय भगत की हत्या के मामले का पुलिस ने उद्भेदन कर दिया है। हत्या में शामिल मृतक के चचरे भाई और चचेरी बहन सहित आधा दर्जन अपराधियों को गिरफ्तार कर मंगलवार को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है।

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    गिरफ्तार अपराधियों की पहचान भक्सो हर्रा टोली निवासी महादेव भगत का पुत्र और संजय भगत का चचेरा भाई बृजमोहन भगत, चचेरी बहन जयंती भगत, रांची जिला के मांडर थाना क्षेत्र के चटवल निवासी फूलचंद महली के पुत्र राजू महली, चान्हों थाना क्षेत्र के पिपराटोली निवासी गंदरू उरांव के पुत्र अमर उरांव, सनी उरांव के पुत्र एकलव्य उरांव, सोमरा उरांव के पुत्र कुशल उरांव के रूप में हुई है।

    Loharda पुलिस ने अपराधी बृजमोहन भगत के पास से देसी पिस्तौल, एक मैगजीन एवं चार गोली बरामद किया है। जबकि राजू महली के पास से कट्टा एवं एक गोली, अमर उरांव के पास से 93500 रुपये बरामद किए हैं।

    ये रुपये अपराधियों को बृजमोहन भगत द्वारा संजय भगत की हत्या को लेकर दिए गए थे। कांड के उद्भेदन को लेकर मीडिया को जानकारी देते हुए एसपी ने बताया कि हत्या की इस घटना को जमीन विवाद में अंजाम दिया गया है।

    संजय और बृजमोहन तथा उसकी बहन के बीच जमीन को लेकर विवाद चल रहा था। दोनों एक-दूसरे को धमकी दे रहे थे। इसी बीच संजय गायब हो गया था। संजय भगत के अपहरण को लेकर लोहरदगा सदर थाना में विगत छह जुलाई को कांड संख्या 108/2025 दर्ज किया गया था।

    पुलिस मामले में जांच कर रही थी। इसी बीच सात जुलाई को सदर थाना क्षेत्र के अरकोसा स्थित एक पानी भरे पत्थर खदान से संजय भगत का शव बरामद किया गया।

    इससे स्पष्ट हुआ कि हत्या कर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से शव को पत्थर के साथ बांधकर पानी में फेंक दिया गया था। हत्या कांड के उद्भेदन के लिए सदर थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक रत्नेश मोहन ठाकुर के नेतृत्व में एक एसआइटी गठित की गई है।

    एसआइटी द्वारा सबसे पहले मृतक के चचेरा भाई बृजमोहन भगत एवं चचेरी बहन जयंती भगत को पूछताछ को लेकर हिरासत में लिया गया था। पूछताछ वैज्ञानिक विधि से किया गया। पूछताछ के दौरान दोनों द्वारा संजय भगत की हत्या में शामिल होने की बात स्वीकार की गई।

    उनके स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर अग्रिम कार्रवाई करते हुए हत्या में शामिल अन्य चार अपराधी राजू महली, अमर उरांव, एकलव्य उरांव, कुशल उरांव को गिरफ्तार किया गया।

    छापेमारी टीम में सदर थाना प्रभारी पुलिस निरीक्षक रत्नेश मोहन ठाकुर, पुअनि रवि रंजन कुमार, पुअनि संजय कुमार, सअनि चंद्रदीप मेहता, सअनि अमरनाथ पांडेय, तकनीकी शाखा के नीरज कुमार मिश्र, आरक्षी कौशल यादव, आरक्षी ललित उरांव, चालक आरक्षी निर्मल मार्शल मिंज, चालक आरक्षी मुकेश शर्मा, चालक आरक्षी सत्यकिशोर कुमार शामिल थे।

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