High School Teacher Appointment की मेरिट लिस्ट में जांच के लिए बनाएं आयोग, Court ने फैसला सुरक्षित रखा
हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति की राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई। सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद Jharkhand High Court ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने सभी पक्षों को लिखित बहस कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।

राज्य ब्यूरो, रांची । हाई कोर्ट के जस्टिस दीपक रोशन की अदालत में हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति की राज्यस्तरीय मेरिट लिस्ट को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर शुक्रवार को सुनवाई हुई।
सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी होने के बाद Jharkhand High Court ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। अदालत ने सभी पक्षों को लिखित बहस कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
अदालत ने लगातार दूसरे दिन इस मामले में सुनवाई की। Merit List को चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में 252 याचिकाएं दाखिल की गई हैं। सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, चंचल जैन और अधिवक्ता तेजस्विता सफलता ने अदालत को बताया कि सरकार के जवाब में बहुत त्रुटियां है।
इसलिए इस मामले में एक न्यायिक आयोग का गठन किया जाए, जो फैक्ट की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करे। सुप्रीम कोर्ट ने सोनी कुमारी के मामले में 425 अभ्यर्थियों को नियुक्ति करने का आदेश दिया था।
राज्य सरकार के अनुसार उसमें 377 अभ्यर्थियों ने योगदान दे दिया है। ऐसे में करीब एक हजार अभ्यर्थियों की सोनी कुमारी के आदेश के तहत कैसे नियुक्ति कर दी गई।
प्रार्थियों का कहना था कि मेरिट लिस्ट तैयार करने में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सही तरीके से पालन नहीं किया गया है। लिस्ट में काफी त्रुटि है।
सरकार ने आयोग गठन का किया विरोध
सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने मामले में न्यायिक आयोग के गठन का विरोध किया। कहा कि सरकार के पास सभी अभ्यर्थियों के दस्तावेज मौजूद हैं।
ऐसे में सभी अभ्यर्थी अपना-अपना आवेदन आयोग में दे और आयोग उनका सत्यापन करते हुए निर्णय लेगा। सुनवाई के दौरान जेएसएससी के अधिकारी भी कोर्ट में मौजूद रहे।
गुरुवार को सरकार की ओर से टेबुलर चार्ट प्रस्तुत किया गया, जिसमें प्रार्थियों की रिट संख्या, प्रार्थियों के नाम, विषय, कोटि, प्राप्तांक, कोटि के अनुसार अंतिम चयनित अभ्यर्थी का अंक, नियुक्ति की तिथि और सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सुरक्षित होने वाले अभ्यर्थियों की पूरी जानकारी शामिल है।
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट के अनुसार ही नियुक्ति की अनुशंसा की गई है। प्रार्थियों का यह कथन गलत है कि प्रार्थी का प्राप्तांक स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट में अंतिम चयनित अभ्यर्थी से ज्यादा है।
सभी प्रार्थी का प्राप्तांक स्टेट वाइज मेरिट लिस्ट के चयनित अंतिम अभ्यर्थी से कम है इसलिए इनकी नियुक्ति नहीं की गई है। मीना कुमारी एवं अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिकाएं दाखिल की गई है।
इसमें कहा गया है कि वर्ष 2016 में हाई स्कूल शिक्षक की नियुक्ति के लिए जारी राज्यस्तरीय मेरिट में त्रुटि है। उनसे कम अंक प्राप्त करने वालों को हाईस्कूल शिक्षक के रूप में नियुक्ति की गई है।
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