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    Jharkhand news: यदि आपने वनभूमि पर अतिक्रमण कर रखा है तो हो जाएं सावधान, ऐसे लोगों के खिलाफ वन विभाग कर रहा तैयारी

    By Dibyanshu Kumar Edited By: Kanchan Singh
    Updated: Sat, 25 Oct 2025 04:15 PM (IST)

    झारखंड में वन विभाग वन भूमि पर अतिक्रमण रोकने के लिए सीमांकन करने की योजना बना रहा है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में नए सिरे से सर्वे किया जाएगा। पलामू और सरायकेला में अतिक्रमण की अधिक शिकायतें मिली हैं। विभाग अवैध निर्माण हटाने पर भी विचार कर रहा है। वर्तमान में, लगभग 50 हजार हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

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    झारखंड में वन भूमि पर अतिक्रमण का सिलसिला जारी है।

    राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य के वन भूमि पर हुए अतिक्रमण को रोकने और अपनी वास्तविक स्थिति जानने के लिए वन विभाग सीमांकन की योजना बना रहा है। इसके लिए आरंभिक प्रस्ताव तैयार किया गया है।

    सरकार के स्तर से निर्णय के बाद इसकी प्रक्रिया प्रारंभ की जाएगी।आबादी वाले क्षेत्रों में वनभूमि पर अतिक्रमण की शिकायतें मिलने के बाद नए सिरे से सीमांकन कराने की तैयारी विभाग ने की है।

    इस सीमांकन या सर्वे में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्र शामिल होंगे।भारतीय वन अधिनियम 1927 के तहत राज्य में वन भूमि के सीमांकन का अधिकार विभाग के पास है।पलामू और सरायकेला जिले में सबसे ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण की शिकायत मिली है।

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    इसके साथ ही वन एवं पर्यावरण विभाग अपनी भूमि पर किसी अवैध पक्के निर्माण को हटाने पर भी विचार कर रहा है। वन क्षेत्र में जल संरक्षण के लिए पक्के निर्माण पर पहले ही रोक लगाई जा चुकी है।

    कोर्ट में भी चल रहा अतिक्रमण का मामला

    राज्य में करीब 50 हजार हेक्टेयर वनभूमि पर अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। वन विभाग ने कोर्ट में 32 हजार एकड़ वनभूमि प अतिक्रमण की बात स्वीकार भी की है। इंडियन फारेस्ट सर्वे और महालेखाकार की रिपोर्ट में भी राज्य की वन भूमि पर अतिक्रमण की जानकारी दी गई है।

    नए सिरे से सीमांकन के बाद विभाग और सरकार को वन क्षेत्र में हुए अतिक्रमण की सही स्थिति जानने में मदद मिलेगी।