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    शिक्षक थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल पर करें फोकस

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 20 Jan 2021 05:30 AM (IST)

    शिक्षक थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल पर फोकस करें ताकि पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को रोजगार के लिए अधिक परेशान नहीं होना पड़े।

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    शिक्षक थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल पर करें फोकस

    जागरण संवाददाता, रांची : शिक्षक थ्योरी से अधिक प्रैक्टिकल पर फोकस करें ताकि पढ़ाई पूरी करने के बाद छात्रों को रोजगार के लिए अधिक परेशान नहीं होना पड़े। इंटर्नशिप भी अच्छे जगहों से कराएं। सीबीसीएस ( च्वाइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम) को पूरी तरह से लागू करें। यह कहना था दो दिवसीय दौरे पर मारवाड़ी कॉलेज में आई नैक टीम का। टीम में गलगोटिया विवि, नोएडा की कुलपति डा. प्रीति बजाज, जेएनयू के डा. मोनकोंडा रघुनाथ, जमाल मोहम्मद कालेज त्रिचनापल्ली के प्राचार्य डा. एस इस्माइल मोइनुद्दीन शामिल थे। टीम ने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के तहत इंटर्नशिप, प्रोजेक्ट वर्क आदि से जोड़ें। उन्होंने एप्लाइड शिक्षा पर विशेष जोर देने की बात कही ताकि विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर मिलें। शिक्षकों के साथ बैठक में रिसर्च, प्रोन्नति आदि के भी मुद्दे उठे। आटोनॉमस का फायदा मिले

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    टीम कालेज के आधारभूत संरचना के साथ ही शैक्षणिक माहौल का भी जायजा किया। टीम के सदस्यों ने कालेज के शिक्षकों के साथ ही छात्रों से भी बात की। उनका जोर इस बात पर था कि छात्रों को आटोनॉमस कालेज का फायदा मिलना चाहिए। सदस्यों ने यह भी पूछा कि सीबीसीएस पैटर्न लागू किया गया है या नहीं। यूजीसी के नए गाइडलाइन के बारे में भी बात की और जानना चाहा कि इसका फायदा विद्यार्थियों को मिल रहा या नहीं। नैक की टीम ने कालेज के एकेडमिक परिसर और प्रशासनिक परिसर का जायजा लिया। साथ ही डिपार्टमेंट आफ मैथमेटिक्स, डिपार्टमेंट आफ बायोटेक्नोलाजी, लेबोरेटरी आफ एफडी, फिजिक्स, एनएसएस एनसीसी विग के साथ-साथ आईसीटी लैब का भी निरीक्षण किया। प्लेसमेंट सेल की गतिविधियों की भी जानकारी। एलुमिनी से कांन्फ्रेंस हॉल में बात की। नहीं मिल रहा प्रोन्नति

    कर्मचारियों ने टीम के सदस्यों को बताया कि वर्षों से प्रोन्नति नही मिला है। 90 फीसद कर्मचारी अनुबंध पर कार्यरत हैं। छात्रों को मिलने वाली सुविधाओं को बारीकी से जाना। सदस्यों ने छात्रों की ज्यादा संख्या पर चिता जताते हुए ठोस रणनीति पर काम करने की बात कही है। शिक्षकों एवं कर्मचारियों से अलग-अलग बात की और बेहतरी के लिए सवाल पूछे।

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