Netarhat School: बोर्ड परीक्षा में नेतरहाट के पांच छात्र फेल, मंत्री गंभीर, कारणों की जांच करेगी कमेटी
राज्य के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी स्कूल नेतरहाट आवासीय विद्यालय का शैक्षणिक स्तर गिर रहा है। 12वीं में चार छात्रों को असफलता हाथ लगी है। मंत्री रामदास सोरेन ने इस पर चिंता जताते हुए इसके कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। इस विद्यालय में शिक्षकों की भी भारी कमी है।

राज्य ब्यूरो, रांची। Netarhat School राज्य के सबसे प्रतिष्ठित सरकारी विद्यालय लातेहार जिले के नेतरहाट आवासीय विद्यालय का शैक्षणिक स्तर वर्ष 2010 के बाद लगातार गिर रहा है। अब स्थिति यह हो गई है कि सीबीएसई की इस वर्ष की बोर्ड परीक्षाओं में इस विद्यालय के पांच छात्र फेल हो गए। 10वीं की परीक्षा में एक तथा 12वीं में चार छात्रों को असफलता हाथ लगी है।
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के मंत्री रामदास सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को धुर्वा स्थित एमडीआइ भवन में नेतरहाट विद्यालय समिति की सामान्य निकाय की हुई बैठक में इस पर चिंता प्रकट की गई। विभागीय मंत्री ने भी इसे गंभीरता से लेते हुए इसके कारणों की जांच के लिए पूर्ववर्ती छात्रों की कमेटी गठित करने के निर्देश दिए।
यह कमेटी विद्यालय में एक सप्ताह रहकर फेल हुए छात्रों के पठन-पाठन का अवलोकन कर अपनी रिपोर्ट देगी। मंत्री ने इस प्रतिष्ठित आवासीय विद्यालय के शैक्षणिक स्तर में लगातार गिरावट होने तथा नामांकन में छात्रों की घटती रुचि पर चिंता जताई है।
उन्होंने विद्यालय की तमाम कमियों की पहचान कर उसे दूर करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए ताकि विद्यालय की खोई प्रतिष्ठा वापस आ सके। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर विद्यालय की नियमावली में भी बदलाव किया जाए।
उन्होंने कई छात्रों के बोर्ड परीक्षाओं में 80 प्रतिशत से कम अंक आने पर भी चिंता जताते हुए इसके लिए जिम्मेदार शिक्षकों से स्पष्टीकरण पूछकर कार्रवाई के निर्देश दिए। विद्यालय में आश्रम व्यवस्था को कठोरता से लागू करने के निर्देश दिए।
बैठक में विभाग के सचिव उमाशंकर सिंह, नेतरहाट विद्यालय कार्यसमिति के अध्यक्ष संतोष उरांव आदि भी उपस्थित थे। इस विद्यालय की गरिमा का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है इसने दर्जनों UPSC आइएएस व आइपीएस अधिकारी दिए हैं।
शिक्षकों के 42 पद, कार्यरत हैं महज 18
बैठक में बोर्ड परीक्षाओं के खराब परिणाम के लिए शिक्षकों की कमी को भी बड़ा कारण माना गया। मंत्री को बताया गया कि विद्यालय में शिक्षकों के 42 पद हैं, जबकि वर्तमान में कार्यरत महज 18 हैं। मंत्री ने रिक्त पदों को शीघ्र भरने तथा तबतक के लिए पूर्ववर्ती छात्रों से पठन-पाठन कराने के निर्देश दिए।
इसके लिए पोर्टल के माध्यम से ऐसे पूर्ववर्ती छात्रों तथा पूर्व शिक्षकों से आवेदन मंगाए जाएंगे, जो विद्यालय में शैक्षणिक स्तर में सुधार लाने के लिए अपनी सेवा देना चाहते हैं। इसके लिए उन्हें सम्मान राशि के अलावा आने-जाने, भोजन आदि का खर्च दिया जाएगा। मंत्री ने विद्यालय में बुनियादी सुविधाओं को भी दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
डीएमएफटी की राशि हो सकेगी खर्च
बैठक में डीएमएफटी की राशि से विद्यालय में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने पर भी सहमति बनी। बैठक में विद्यालय की भूमि के अतिक्रमण की समस्या लातेहार जिला प्रशासन से मिलकर सुलझाने के निर्देश प्राचार्य को दिए गए।
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