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    Bihar Assembly Election: पांच सीटर हेलिकाप्टर नेताओं की पहली पसंद, हवा में भी प्रचार युद्ध का गवाह बनेगा बिहार

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 01:09 PM (IST)

    बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का आधिकारिक ऐलान भले ही अभी बाकी हो लेकिन राजनीतिक दलों ने प्रचार की जंग को आसमान तक ले जाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस बार चुनावी मैदान में प्रमुख दलों के स्टार प्रचारकों को गांव-गांव पहुंचाने के लिए 200 से ज्यादा हेलिकाप्टर पहले ही बुक हो चुके हैं।

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    हवा में भी प्रचार युद्ध का गवाह बनेगा बिहार।

    राज्य ब्यूरो, रांची। बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का आधिकारिक ऐलान भले ही अभी बाकी हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने प्रचार की जंग को आसमान तक ले जाने की तैयारी शुरू कर दी है।

    200 से ज्यादा हेलिकाप्टर पहले ही हो चुके हैं बुक

    इस बार चुनावी मैदान में प्रमुख दलों के स्टार प्रचारकों को गांव-गांव पहुंचाने के लिए 200 से ज्यादा हेलिकाप्टर पहले ही बुक हो चुके हैं।

    खासकर पांच सीटर हेलिकाप्टर की मांग सबसे ज्यादा है, क्योंकि ये सुरक्षा और गति के मामले में नेताओं की पहली पसंद हैं। झारखंड से संचालित होने वाली हेलिकाप्टर सेवा प्रदाता कंपनी ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए 400 घंटे की उड़ान का एग्रीमेंट भी हासिल किया है, जो इस बार के चुनावी हवाई युद्ध की तीव्रता को दर्शाता है।

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    चुनावी प्रचार में हेलिकाप्टर का उपयोग कोई नई बात नहीं है। लेकिन बीते विधानसभा चुनाव के मुकाबले बिहार में तीन गुना ज्यादा हेलिकाप्टर बुक किए गए हैं।

    इसमें ज्यादा संख्या बड़ी पार्टियों की है। लेकिन इन बड़े राजनीतिक दलों की तुलना में छोटी पार्टियों को हेलिकाप्टर बुकिंग में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

    बड़े दल पहले ही अधिकांश हेलिकाप्टर रिजर्व कर लेते हैं, जिसके कारण छोटी पार्टियों को सीमित विकल्प मिलते हैं।

    इसे ध्यान में रखते हुए इस बार छोटी पार्टियां लोजपा रामविलास व पारस गुट, मुकेश सहनी की वीआइपी, जीतनराम मांझी की हम, प्रशांत किशोर के जन सुराज आदि की पुख्ता तैयारी है।

    झारखंड में हो गया था टोटा

    बीते वर्ष झारखंड विधानसभा के चुनाव के दौरान हेलिकाप्टर की बुकिंग को लेकर आपाधापी मची थी। उड़ान के लिए ज्यादा अनुकूल व सुरक्षित डबल इंजन हेलिकाप्टर पहले ही बुक हो गए थे, जिससे परेशानी का सामना क्षेत्रीय दलों को झेलना पड़ा था।

    कई स्थानों पर वीवीआइपी मूवमेंट के कारण उड़ान को लेकर भी परेशानियां सामने आई थी। इसे देखते हुए बिहार में छोटे दल सजग हैं।

    बिहार जैसे बड़े और भौगोलिक रूप से विविध राज्य में सड़क मार्ग से सभी क्षेत्रों को कवर करना समय लेने वाला और चुनौतीपूर्ण है।

    हेलिकाप्टर से कम समय में ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में रैलियां और सभाएं आयोजित करने में मदद मिलती है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आएगी, आसमान में हेलिकाप्टरों की गड़गड़ाहट बिहार के चुनावी माहौल को और रोमांचक बनाएगी।