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    Election Commission: झारखंड की पांच राजनीतिक पार्टियां लापता, जानिए चुनाव आयोग क्या करेगा इनके साथ

    Updated: Wed, 23 Jul 2025 05:08 PM (IST)

    भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़नेवाले झारखंड के सात राजनीतिक दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने के निर्देश दिए हैं। राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इन सभी दलों को आयोग कार्यालय में शपथपत्र के साथ अपना लिखित पक्ष रखने को कहा था। लेकिन महज दो ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि पहुंच पाए।

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    सात राजनीतिक दलों को पंजीकृत दलों की सूची से हटाने के निर्देश दिए गए हैं।

    राज्य ब्यूरो, रांची। भारत निर्वाचन आयोग ने पिछले छह वर्षों में कोई भी चुनाव नहीं लड़नेवाले झारखंड के सात राजनीतिक दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने के निर्देश दिए हैं।

    इस आलाेक में राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने इन सभी दलों को मंगलवार को आयोग कार्यालय में शपथपत्र के साथ अपना लिखित पक्ष रखने को कहा था।

    लेकिन इनमें महज दो ही राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि पहुंच पाए। पांच राजनीतिक दलों का अभी भी कोई अता-पता नही चल पाया है।

    निर्धारित कार्यक्रम के तहत मंगलवार को मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार के समक्ष रांची के जनसाधारण पार्टी एवं झारखंड विकास दल के पदाधिकारी ही पहुंचे। इनके द्वारा अपने राजनीतिक दल के अस्तित्व बरकरार होने का अपना पक्ष रखा गया।

    इन राजनीतिक दलों का नहीं मिल रहा ट्रेस

    अन्य पांच राजनीतिक दल देवघर के भारत विकास मोर्चा, पलामू की भारतीय जनमुक्ति पार्टी एवं मानव मुक्ति मोर्चा, गढ़वा के नवजवान संघर्ष मोर्चा एवं रांची के राष्ट्रीय मजदूर किसान प्रजातांत्रिक पार्टी का कोई प्रतिनिधि मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुआ।

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    अब चुनाव आयेाग दो दलों द्वारा रखे गए लिखित पक्षों की समीक्षा के बाद उचित निर्णय लेगा। साथ ही निर्धारित तिथि को नहीं पहुंचनेवाले अन्य पांच राजनीतिक दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से हटाने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

    आयोग द्वारा झारखंड के सात राजनीतिक दलों को सूची से हटाने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग से प्राप्त निर्देश के आलोक में अध्यक्ष/महासचिव को पार्टी के तरफ से शपथ पत्र सहित लिखित पक्ष मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय को भेजने के लिए 15 जुलाई तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष अपना पक्ष रखने के लिए 22 जुलाई की तिथि निर्धारित की गई थी।

    इसकी सूचना संबंधित राजनीतिक दलों को आयोग द्वारा पंजीकृत पत्राचार के पते पर भेजी गई थी। साथ ही इसकी जानकारी समाचार पत्रों में आम सूचना के माध्यम से एवं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म पर भी प्रसारित की गई थी।