Jharkhand Politics: झारखंड में विभिन्न विभागों में कम खर्च पर वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मुख्य सचिव को भेजा पत्र
राज्य के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को पत्र लिखकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में धीमे राजस्व संग्रह और योजना व्यय पर चिंता जताई है। किशोर ने कई विभागों में शून्य या नगण्य व्यय और कमजोर वर्गों के लिए आवंटित राशि के मात्र दो फीसद उपयोग को गंभीर मुद्दा बताया।

राज्य ब्यूरो, रांची। Jharkhand Politics: राज्य के वित्त, योजना एवं विकास, वाणिज्य कर तथा संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने मुख्य सचिव अलका तिवारी को पत्र लिखकर वित्तीय वर्ष 2025-26 में धीमे राजस्व संग्रह और योजना व्यय पर गहरी चिंता जताई है।
उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की प्राथमिकता, यानी ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और झारखंडवासियों की क्रय शक्ति बढ़ाने के लिए कुशल वित्तीय प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर दिया। किशोर ने कई विभागों में शून्य या नगण्य व्यय और कमजोर वर्गों के लिए आवंटित राशि के मात्र दो फीसद उपयोग को गंभीर मुद्दा बताया।
मंत्री ने पत्र में बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 91,741.52 करोड़ रुपये योजना व्यय के लिए निर्धारित किए गए हैं, लेकिन 23 जून तक मात्र 12,585.30 करोड़ रुपये (13.72%) ही खर्च हो सका है। स्थापना मद में 53,658.47 करोड़ रुपये के बजट के खिलाफ 8,603.50 करोड़ रुपये (16.03%) खर्च हुआ।
किशोर ने चिंता जताई कि पिछले आठ-दस वर्षों से कई योजनाओं की राशि पर्सनल लेजर (पीएल) खातों में जमा है, जो वर्ष के अंत में निकाली जाती है। इसे उन्होंने अकुशल वित्तीय प्रबंधन का प्रतीक बताया।
कृषि और पेयजल जैसे विभागों में शून्य व्यय
पत्र में कई विभागों में बेहद कम या शून्य व्यय को रेखांकित किया गया। कृषि, संबद्ध कृषि, और पशुपालन विभाग में 23 जून तक व्यय शून्य रहा। पेयजल एवं स्वच्छता विभाग में केवल 0.15%, पंचायती राज विभाग में शून्य और जल संसाधन विभाग में 14.58% राशि खर्च हुई।
राधाकृष्ण किशोर ने इसे चिंताजनक बताते हुए कहा कि यह स्थिति ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे की प्रगति को बाधित कर रही है। उन्होंने मुख्य सचिव अलका तिवारी से इन विभागों के सचिवों के साथ समीक्षा कर व्यय की गति बढ़ाने का निर्देश देने का आग्रह किया।
राजस्व संग्रह में मामूली सुधार
वाणिज्य कर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में जून तक 5,231.81 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया था, जबकि 2025-26 में यह आंकड़ा बढ़कर 5,644.72 करोड़ रुपये हो गया। यह राजस्व संग्रह में वृद्धि दर्शाता है। उन्होंने मुख्य सचिव से संबंधित विभागों को समयबद्ध लक्ष्य पूरा करने के लिए निर्देश देने को कहा।
कमजोर वर्गों के लिए नगण्य खर्च
मंत्री ने विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक, और पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए आवंटित राशि के उपयोग पर चिंता जताई। जून 2025 तक इन वर्गों के लिए केवल दो फीसद राशि खर्च हुई, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार की प्राथमिकताओं के विपरीत है।
राधाकृष्ण किशोर ने इसे गंभीर माना और तत्काल सुधार की मांग की। उन्होंने मुख्य सचिव से अनुरोध किया कि वह शून्य या कम व्यय वाले विभागों के सचिवों के साथ तत्काल समीक्षा करें और राजस्व व्यय की गति बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाएं।
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