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    Drone Farming: झारखंड में अब ड्रोन से होगी खेतों की निगरानी, राज्य के 167 सेंटर से किसानों को मिलेगी मुफ्त सेवा

    Drone Farming झारखंड में फसलों की निगरानी के लिए ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे फसलों की सुरक्षा के साथ-साथ किसानों के समय की बचत होगी। इसके लिए कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है और कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया है। बता दें कि राज्य के 167 सेंटर से किसानों को ड्रोन की मुफ्त सेवा मिलेगी।

    By Manoj SinghEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 20 Nov 2023 08:43 PM (IST)
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    झारखंड में अब ड्रोन से होगी खेतों की निगरानी, राज्य के 167 सेंटर से किसानों को मिलेगी मुफ्त सेवा

    मनोज सिंह, रांची। झारखंड में ड्रोन के जरिए फसल और पौधों की सुरक्षा की जाएगी। ड्रोन से फसलों और पौधों को बचाने के लिए दवा का छिड़काव और सर्वे का काम लिया जाएगा।

    इसके लिए कृषि विभाग की ओर से प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसमें कीटनाशक दवा और संबंधित कार्य के लिए उपकरण खरीदा जाएगा। इसके लिए संबंधित कमेटी को प्रस्ताव भेजा गया है।

    पहले से संचालित थी यह योजना

    बता दें कि राज्य में इस तरह की योजना पहले से संचालित थी। कुछ सालों से इस योजना पर विभाग की ओर से ध्यान नहीं दिया जा रहा था। जब राज्य में लगातार दो सालों से कम वर्षा होने की वजह से कई प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। देर से वर्षा होने पर किसानों ने धान की देर से रोपाई की है।

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    जब विभाग की ओर से फसल नुकसान को लेकर जमीन आंकलन कराया गया और इसमें फसल नुकसान के कारणों की भी जानकारी ली गई। तब समय पर कीटनाशक दवा का छिड़काव नहीं होने और अन्य रोगों से फसल के खराब होने की भी जानकारी मिली। इसके बाद फसलों को बचाने के लिए ड्रोन से दवा छिड़काव करने और सर्वे का काम लिए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।

    राज्य में 167 प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर

    राज्य में कुल 167 प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर पहले से बने हुए हैं। हर सेंटर में तीन पद सृजित हैं। जिसमें कनीय प्लांट प्रोटेक्शन अफसर सहित अन्य के पद शामिल है। लेकिन सेंटर पर कर्मियों की कमी है। इसके लिए अब आउटसोर्स के जरिए कर्मियों को बहाल किए जाने की योजना बनाई जा रही है।

    ड्रोन सहित अन्य उपकरण की खरीदारी सरकार की ओर से की जा रही है। हालांकि कितने ड्रोन खरीदे जाएं, इस पर अभी विचार चल रहा है। इसके बाद आउटसोर्स कर्मियों को ड्रोन चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

    किसानों को मिलेगी मुफ्त सेवा

    इस योजना में कुल 32 करोड़ रुपये खर्च होने वाले हैं। हालांकि यह लागत बढ़ भी सकती है। ड्रोन की खरीदारी और प्रशिक्षण के बाद प्लांट प्रोटेक्शन सेंटर पर कोई भी किसान अपने खेतों में छिड़काव के लिए आवेदन देगा। इसके बाद सेंटर से ड्रोन ले जाकर किसान के खेतों में छिड़काव किया जाए।

    यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त में दी जाएगी। विभाग की ओर से फसल और पौधे के पोषण के लिए दवा और कीटनाशक दवा सहित अन्य की खरीदारी भी विभाग की ओर से की जा रही है।

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