फेमिना मिस इंडिया झारखंड रिया तिर्की ने कहा - पहली जनजाति लड़की हूं जो फैशन की दुनिया में इस मुकाम तक पहुंची
पिछले सात वर्षों के अथक प्रयास से वह इस मुकाम तक पहुंची है। यह पहली बार है कि किसी जनजाति लड़की ने इस प्लेटफार्म पर अपना परचम लहराया है और फेमिना मिस ...और पढ़ें

रांची, जासं । फेमिना मिस इंडिया पेजेंट में अपना नाम कमा चुकी झारखंड के तुपुदाना के बानो गांव निवासी रिया तिर्की फैशन की दुनिया में अब जाना पहचाना नाम है। पिछले सात वर्षों के अथक प्रयास से वह इस मुकाम तक पहुंची है। यह पहली बार है कि किसी जनजाति लड़की ने इस प्लेटफार्म पर अपना परचम लहराया है और फेमिना मिस इंडिया पेजेंट 2022 में झारखंड को प्रतिनिधित्व किया है। हालांकि अबकी बार टाप 10 में आने से वह चूक गईं लेकिन टाप 30 में अपना स्थान पक्का कर लिया है। बुलंद हौसले के साथ रिया कहती है कि मैं हिम्मत हारने वाली लड़की नहीं हूं। फैशन की दुनिया में ही एक सफल मुकाम बनाना है और इसके लिए वह लगातार प्रयासरत है। रंगभेद के बारे पूछे जाने पर रिया कहती हैं कि मैं बेहद खुशकिस्मत हूं कि मुझे कभी रंगभेद का शिकार नहीं होना पड़ा। मेरी पढ़ाई लिखाई भी बेहतर माहौल में हुई और अपने माता पिता के प्रोत्साहन ने मुझे लगातार आगे बढ़ने को प्रेरित किया। इसी का नतीजा है कि आज फैशन की दुनिया में इस प्लेटफार्म पर अपने राज्य को प्रतिनिधित्व कर रही हूं।
सात वर्षों से बना रखा है हौसला
रिया ने कहा कि वो पहली जनजाति लड़की है जो फैशन की दुनिया में इस मुकाम तक पहुंची है। पिछले 7 वर्षों के अनुभव से उन्हें काफी कुछ सीखने को मिला। हालांकि बालीवुड में करियर बनाने के लिए फैशन जगत से भी ज्यादा मेहनत है। वहां बड़े बड़े स्टार, सुपरस्टार के बच्चों के साथ रेस है और मुझे यह रेस भी जीतना है। इसके लिए मैंने काफी कुछ सीखा भी है और बालीवुड के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर के एक्टर प्रीपेअर से 2018 में एक्टिंग की पढ़ाई की। साथ ही फैशन पेजेंट में भी हिस्सा लेती रही हूं।
जनजातियों के विकास को ले करना चाहती हैं काम
रिया कहती हैं कि फैशन व बालीवुड के अलावे मेरी इच्छा है कि मैं अपने जनजातियों के लिए कुछ नया करुं। ताकि हमारे समाज के लोग बेहिचक इस क्षेत्र में भी अपना मुकाम हासिल करें। उन्होंने कहा कि बचपन से ही पर्यावरण और पशु पक्षियों से प्रेम रहा है। इस कार्य में मेरी माता नीरा तिर्की ने काफी ज्ञान भी दिया कि किस तरह से बेजुबानों के साथ दोस्ती कर उनका पालन पोषण करें। रिया कहती हैं कि यदि भगवान मुझे कुछ मांगने को कहे तो मैं पशुओं की भाषा समझने की शक्ति मांग लूंगी। बचपन से प्रकृति से लगाव और फैशन की दुनिया में अपना करियर बनाने की सोच रिया ने मुंबई का रुख किया। फेमिना मिस झारखंड का खिताब जीतने वाली रिया का कहना है कि जनजातीय समुदाय से आने के बाद भी परिवार का भरपूर सपोर्ट मिला।

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