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    वर्षा से फसलों के नुकसान पर किसानों को 17 हजार प्रति हेक्टेयर का मुआवजा, कृषि विभाग तैयार कर रहा जिलावार अंतिम रिपोर्ट

    Updated: Thu, 04 Sep 2025 12:40 AM (IST)

    राज्य में अतिवृष्टि की वजह से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। सरकार भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कृषि विभाग की ओर से जिलावार अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है। कुछ दिनों पहले तक राज्य में करीब 2.18 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके लिए राज्य आपदा निधि के जरिए फसल नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाना है।

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    अतिवृष्टि से फसलों के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है।

    मनोज सिंह, रांची । राज्य में अतिवृष्टि की वजह से खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। सरकार भी इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कृषि विभाग की ओर से जिलावार अंतिम रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

    कुछ दिनों पहले तक राज्य में करीब 2.18 लाख हेक्टेयर भूमि पर लगी फसल को नुकसान पहुंचा है। इसके लिए राज्य आपदा निधि के जरिए फसल नुकसान के लिए मुआवजा दिया जाना है।

    फसल नुकसान के लिए मुआवजा की राशि 17 हजार से लेकर दो हजार रुपये प्रति हेक्टेयर दिए जाने का प्रविधान है। अतिवृष्टि की रिपोर्ट के आधार पर किसानों को मुआवजा दिए जाने पर सरकार के स्तर पर निर्णय लिया जाएगा।

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    राज्य के पांच जिले ऐसे हैं, जहां पर डेढ़ सौ प्रतिशत से ज्यादा वर्षा हुई है। सबसे ज्यादा लोहरदगा में 300 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है। इसी तरह से सरायकेला में 240 प्रतिशत, रांची में 196 प्रतिशत, चतरा में 177 प्रतिशत और खूंटी में 153 प्रतिशत वर्षा हुई है।

    राज्य में इस साल 763 मिलीमीटर वर्षा हुई है, जो पिछले साल से तीन गुना अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार इस वर्ष सामान्य की तुलना में 72 प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की गई है।

    सीएम हेमंत सोरेन ने दिए निर्देश

    राज्य में अतिवृष्टि से फसल सहित अन्य समस्याओं को लेकर सीएम हेमंत सोरेन अधिकारियों के साथ पिछले दिनों बैठक की थी। सीएम हेमंत सोरेन ने नुकसान का आकलन कर जल्द से जल्द रिपोर्ट तैयार करने को कहा है, ताकि प्रभावितों को मुआवजा मुहैया कराया जा सके।

    अगर किसी किसान की सिंचित भूमि पर 33 प्रतिशत से अधिक भूमि पर फसल का नुकसान होता है, तो उस किसानों को 17 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा मिलेगा।

    इसी तरह से अगर किसानों को असिंचित भूमि पर 33 प्रतिशत भूमि पर नुकसान होता है, तो उन्हें 8500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाएगा।

    सरकार किसी भी हाल में किसानों को दो हजार रुपये के कम का मुआवजा नहीं देगी। राज्य में कम भूमि पर खेती करने वाले किसानों की संख्या अधिक है।

    पचास प्रतिशत से कम लगी फसल

    अतिवृष्टि ने खरीफ की फसलों के आच्छादन को भी प्रभावित किया है। विभाग के आकड़ों के अनुसार इस बार धान को छोड़कर दलहन, तिलहन, मक्का और मोटे अनाज की खेती 50 प्रतिशत कम हुई है।

    अतिवृष्टि का असर सबसे ज्यादा तिलहन पर पड़ा है। जिसकी 64 प्रतिशत कम खेती हुई है। इसी तरह मक्का 36 प्रतिशत, दलहन 58 प्रतिशत और मोटे अनाज 56 प्रतिशत कम खेती हुई है।

    खरीफ की फसल विवरण

    • अनाज                   लक्ष्य                    उपलब्धि            कम
    • धान                      18 लाख हेक्टेयर     90 प्रतिशत         10 प्रतिशत
    • मक्का                    3.10 लाख हेक्टेयर  64 प्रतिशत         36 प्रतिशत
    • दलहन                   6 लाख हेक्टेयर       42 प्रतिशत         58 प्रतिशत
    • तिलहन                  60 हजार हेक्टेयर    36 प्रतिशत          64 प्रतिशत
    • मोटा अनाज            70 हजार हेक्टेयर    44 प्रतिशत         56 प्रतिशत

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